नहीं चल पाई बोट स्वर्ण रेखा नदी को पर्यटन स्थल बनाए जाने और यहां पर पर्यटकों को लुभाने के लिए बोट चलाने की योजना तैयार की गई थी। जिसके लिए नदी में बोट क्लब बनाकर बोट भी डलवाई गई। वहीं बोट चलाने के लिए स्वर्ण रेखा में साफ पानी को रोके जाने के लिए लक्ष्मीबाई समाधि स्थल के पीछे वाले स्थान पर 40 लाख की लागत से आयरन के गेट लगवाए गए थे।
इन गेटों के माध्यम से साफ पानी को रोका जा सके और यहां आने वाले पर्यटक बोट का आनंद उठा सकें। स्वर्ण रेखा में आज दिनांक तक साफ पानी रोके जाने की योजना अधर में अटक गई और बोट चलाने का सपना भी अधूरा ही रह गया। वहीं साफ पानी रोके जाने के लिए लगवाए गए आयरन गेटों के पास गंदगी जमा रहती है। जिसे साफ कराए जाने के संबंध में नगर निगम प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। जबकि स्वर्ण रेखा नदी को संवारे जाने के लिए पूर्व में भी करोड़ों रुपए की राशि व्यर्थ हो चुकी है।