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बेसहारा लोगों के सहारा पर लगा ताला

locationग्वालियरPublished: Jul 27, 2019 08:48:22 pm

अटल रैन बसेरा इन दिनों देखरेख के अभाव में बदहाली का शिकार हो रहे हैं। लोगों को इनकी सुविधा नहीं मिल पा रही है। अधिकांश समय इन अटल रैन बसेरा में ताला लगा रहता है। अगर कभी ताला खुला भी हो तो वहां कोई कर्मचारी मौजूद नहीं मिलता है।

rail basera

बेसहारा लोगों के सहारा पर लगा ताला

ग्वालियर. बेसहारा लोगों और बाहरी क्षेत्रों से आने वाले लोगों को रात गुजारने की सुविधा के लिए बनवाए गए अटल रैन बसेरा इन दिनों देखरेख के अभाव में बदहाली का शिकार हो रहे हैं। लोगों को इनकी सुविधा नहीं मिल पा रही है। अधिकांश समय इन अटल रैन बसेरा में ताला लगा रहता है। अगर कभी ताला खुला भी हो तो वहां कोई कर्मचारी मौजूद नहीं मिलता है। इसके अलावा टूटे पलंग और फटे हुए गद्दों पर ही लोगों को रात गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ता है। लक्ष्मीगंज मंडी के समीप बने अटल रैन बसेरा के हालात बहुत बदतर हैं। यहां गंदगी पसरी होने के कारण लोग परेशान रहते हैं।
लक्ष्मीगंज सब्जी मंडी अंचल की सबसे बड़ी सब्जी मंडी है, जहां 24 घंटे कारोबार चलता है। मंडी में दूरदराज के क्षेत्रों से किसान और व्यापारी पहुंचते हैं। बाहरी क्षेत्रों से आने वाले लोगों की सुविधा के लिए मंडी के समीप अटल रैन बसेरा बनाया गया है, जिससे जरूरत पडऩे पर उन्हें रात गुजारने के लिए जगह मिल सके, लेकिन इस रैन बसेरा का नियमित संचालन नहीं हो रहा है। जिन कर्मचारियों की यहां ड्यूटी लगाई गई है, वह मनमर्जी से रैन बसेरा खोलते हैं। कई बार लोग रैन बसेरा पहुंचकर कर्मचारियों को ढूंढते नजर आते हैं, जब कोई कर्मचारी नहीं मिलता तो उन्हें मजबूरी में वापस लौटना पड़ता है।
दिन में अटल रैन बसेरा पूरी तरह बंद रहता है,वहीं रात में जब लोग कर्मचारियों को ढूंढ कर ले आते हैं और उनके द्वारा अटल रैन बसेरा में रुकने की बात कही जाती है तो कर्मचारी का कहना होता है कि अभी इंतजार करो, और लोग आएंगे तो तुम्हें भी रुकवा देंगे। इस तरह से लोगों को अटल रैन बसेरा की सुविधा के लिए परेशान होना पड़ता है। काफी देर बाद लोगों को इंट्री मिल पाती है, लेकिन यहां गंदगी और दुर्गंध के कारण लोगों को रात गुजारना मुश्किल हो जाता है। इन अटल रैन बसेरा में सुविधाओं के लिए नगर निगम प्रशासन द्वारा समय-समय पर राशि भी जारी की जाती है, इसके बावजूद रैन बसेरा के हालातों में सुधार होते नहीं दिख रहा है। जिसके कारण राशि व्यर्थ साबित होते हुए दिख रही है। इसके पीछे कारण नगर निगम अधिकारियों द्वारा इनकी नियमित रूप से मॉनीटरिंग नहीं करना है। इसके कारण कर्मचारी मनमानी के अनुसार अटल रैन बसेरा खोलते हैं, ऐसे में लोगों को इनकी सुविधा के लिए परेशान होना पड़ता है।
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