दिन में अटल रैन बसेरा पूरी तरह बंद रहता है,वहीं रात में जब लोग कर्मचारियों को ढूंढ कर ले आते हैं और उनके द्वारा अटल रैन बसेरा में रुकने की बात कही जाती है तो कर्मचारी का कहना होता है कि अभी इंतजार करो, और लोग आएंगे तो तुम्हें भी रुकवा देंगे। इस तरह से लोगों को अटल रैन बसेरा की सुविधा के लिए परेशान होना पड़ता है। काफी देर बाद लोगों को इंट्री मिल पाती है, लेकिन यहां गंदगी और दुर्गंध के कारण लोगों को रात गुजारना मुश्किल हो जाता है। इन अटल रैन बसेरा में सुविधाओं के लिए नगर निगम प्रशासन द्वारा समय-समय पर राशि भी जारी की जाती है, इसके बावजूद रैन बसेरा के हालातों में सुधार होते नहीं दिख रहा है। जिसके कारण राशि व्यर्थ साबित होते हुए दिख रही है। इसके पीछे कारण नगर निगम अधिकारियों द्वारा इनकी नियमित रूप से मॉनीटरिंग नहीं करना है। इसके कारण कर्मचारी मनमानी के अनुसार अटल रैन बसेरा खोलते हैं, ऐसे में लोगों को इनकी सुविधा के लिए परेशान होना पड़ता है।