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स्वच्छता सर्वेक्षण में घोटाला उजागर किया तो बर्खास्त कर दिया, हाईकोर्ट में दी चुनौती

locationग्वालियरPublished: Jan 23, 2020 11:34:45 pm

Submitted by:

Rahul rai

न्यायालय ने प्रमुख सचिव व निगम आयुक्त को नोटिस जारी किए हैं। दोनों को 28 जनवरी को जवाब पेश करने को कहा है

स्वच्छता सर्वेक्षण में घोटाला उजागर किया तो बर्खास्त कर दिया, हाईकोर्ट में दी चुनौती

स्वच्छता सर्वेक्षण में घोटाला उजागर किया तो बर्खास्त कर दिया, हाईकोर्ट में दी चुनौती

ग्वालियर। स्वच्छता सर्वेक्षण में फर्जीवाड़ा उजागर करने वाले नगर निगम के कर्मचारी को निगम आयुक्त द्वारा बर्खास्त करने के खिलाफ प्रस्तुत याचिका पर उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव व निगम आयुक्त को नोटिस जारी किए हैं। दोनों को 28 जनवरी को जवाब पेश करने को कहा है।
स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में रैंकिंग देने में सर्वे कंपनी के गोलमाल को निगम कर्मचारी संदीप शर्मा ने उजागर किया था। उन्होंने इस घोटाले की कई एजेंसियों को शिकायत की, लेकिन सभी ने इसे दबा दिया। शर्मा ने तब इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को की और मामले को केन्द्रीय सतर्कता आयोग को भेजा। सतर्कता आयोग ने घोटाले के संबंध में प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों को देखने के बाद शिकायत दर्ज कर शीर्ष अधिकारियों को नोटिस जारी किए तो हडक़ंप मच गया। माना जा रहा है कि इस घोटाले में कई बड़े अधिकारी शामिल हैं, इसी के चलते भोपाल से दबाव पडऩे पर संदीप शर्मा को आयुक्त संदीप माकिन ने बर्खास्त कर दिया।
ठहराव के बाद भी नहीं लिया नौकरी पर
हालांकि नगर निगम परिषद ने संदीप को नौकरी पर लिए जाने के लिए ठहराव पारित किया था, लेकिन संदीप इसे लेकर निगम मुख्यालय पहुंचे तो उनसे प्रस्ताव नहीं लिया गया। फिर इसे उन्होंने डाक से भेजा। जब कोई कार्रवाई नहीं की गई तब उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की है।
दो दिन पहले क्राइम ब्रांच ने उठा लिया था
दो दिन पहले मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पास से घर जाते समय संदीप शर्मा को क्राइम ब्रांच की टीम ने उठा लिया था। टीम ने उनका मोबाइल कब्जे में ले लिया और उन्हें विश्वविद्यालय थाने में ले गए। जब उन्होंने पूछा कि उनका अपराध क्या है, तो कहा गया कि उन पर छेड़छाड़ का आरोप है। शर्मा ने कहा कि किसने यह आरोप लगाया है मुझे बताओ, लेकिन किसी ने नहीं बताया। किसी तरह उन्होंने अपने परिचितों को इसकी जानकारी दी, तब उनके परिजन ने अधिकारियों से इस संबंध में पूछताछ की तो सभी ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं पता। आखिर उनके बयान लेकर छोड़ दिया गया। बताया जाता है कि निगम के अधिकारी के कहने पर टीम ने उन्हें पकड़ा था।
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