हालांकि नगर निगम परिषद ने संदीप को नौकरी पर लिए जाने के लिए ठहराव पारित किया था, लेकिन संदीप इसे लेकर निगम मुख्यालय पहुंचे तो उनसे प्रस्ताव नहीं लिया गया। फिर इसे उन्होंने डाक से भेजा। जब कोई कार्रवाई नहीं की गई तब उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की है।
दो दिन पहले मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पास से घर जाते समय संदीप शर्मा को क्राइम ब्रांच की टीम ने उठा लिया था। टीम ने उनका मोबाइल कब्जे में ले लिया और उन्हें विश्वविद्यालय थाने में ले गए। जब उन्होंने पूछा कि उनका अपराध क्या है, तो कहा गया कि उन पर छेड़छाड़ का आरोप है। शर्मा ने कहा कि किसने यह आरोप लगाया है मुझे बताओ, लेकिन किसी ने नहीं बताया। किसी तरह उन्होंने अपने परिचितों को इसकी जानकारी दी, तब उनके परिजन ने अधिकारियों से इस संबंध में पूछताछ की तो सभी ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं पता। आखिर उनके बयान लेकर छोड़ दिया गया। बताया जाता है कि निगम के अधिकारी के कहने पर टीम ने उन्हें पकड़ा था।