अगर मानव अधिकार की टीम बच्चों की गिनती नहीं कराती तो यह खुलासा नहीं होता। शिवकुमार को फिट आते हैं, उसका न्यूरो में इलाज भी चल रहा है। उसके लापता होने की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल कर गुमशुदगी दर्ज की।
आयोग की टीम ने पाया कि दिव्यांग युवती के साथ बलात्कार का मामला सामने आने के बाद से स्नेहालय में अव्यवस्थाएं फैल गईं। दवाई प्रॉपर नहीं मिलने से बच्चों की तबियत बिगड़ी। इस बीच पुलिस कार्रवाई के डर से दो केयर टेकर भी भाग गए। बच्चों का अच्छी तरह से ध्यान नहीं रखा गया।
आयोग की टीम ने रिपोर्ट तैयार कर भोपाल मानवाधिकार आयोग के अधिकारियों को भेजी है। गुमशुदगी दर्ज की स्नेहालय से शिवकुमार लापता है। वहां रहने वाली एक लडक़ी की शिकायत पर गुमशुदगी दर्ज कर ली गई है। कुछ लोगों से पूछताछ भी की गई।
अमित भदौरिया, टीआइ बिलौआ थाना