scriptमोबाइल से नहीं इंसानों से करें ज्यादा इंटरेक्शन | Do more interactions with humans than mobile | Patrika News

मोबाइल से नहीं इंसानों से करें ज्यादा इंटरेक्शन

locationग्वालियरPublished: Oct 23, 2019 01:06:31 am

Submitted by:

prashant sharma

इंडस्ट्री, उसकी जरूरतों व उसके अनुरूप स्वयं तैयार करने के उद्देश्य से आईटीएम यूनिवर्सिटी में आयोजित हुई इंडस्ट्रियल कान्क्लेव। देश के बेहतरीन इंडस्ट्री एक्सपट्र्स ने किया स्टूडेंट्स की जिज्ञासाओं का समाधान, जॉब अपाच्र्युनिटीज को सक्सेस में बदलने के सिखाए गुर।

मोबाइल से नहीं इंसानों से करें ज्यादा इंटरेक्शन

मोबाइल से नहीं इंसानों से करें ज्यादा इंटरेक्शन

ग्वालियर. ‘कोई भी इंडस्ट्री हो उसमें आपकी प्रोडक्टिविटी बहुत मायने रखती है। आप जितने अपडेट रहेंगे उतना बेहतर आप अपने काम को कर पाएंगे और प्रोडक्टिविटी भी ज्यादा देंगे। इसके लिए आप अभी से ये कुछ अच्छी किताबें पढऩा शुरू कर दें, रोज कुछ पेज पढऩे की आदत डालें। शुरूआत में दो-तीन पेज रोज पढ़े, उसके बाद संख्या बढ़ा दें। ये तब संभव है जब आप मोबाइल में कम समय बिताएं। मोबाइल में ज्यादा देने के बजाया ह्यूमन इंटरेक्शन पर फोकस करें। जितने ज्यादा लोगों से आप मिलेंगे, बात करेंगे, आपकी नॉलिज बढ़ेगी। इंडस्ट्री में भी अब ह्यूमन इंटरेक्शन को खास तरजीह दी जाने लगी है। अब एम्पलॉय सिर्फ मशीनों पर काम नहीं करता, अब वे एक-दूसरे के लिए काम करते हैं।’
यह कहना था देश के जाने-माने विभिन्न इंडस्ट्री एक्सपर्ट का, जो आईटीएम यूनिवर्सिटी के द्वारा आयोजित इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में स्टूडेंट्स को सम्बोधित कर रहे थे। इस एक दिवसीय कॉन्क्लेव के अंतर्गत एक्सपट्र्स ने स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री व कारपोरेट सेक्टर की टेक्निकल प्रोसेस, रिक्वायरमेंट, वर्क कल्चर आदि से सम्बंधित समस्त जानकारी दी। कॉन्कलेव में मौजूद स्टील अथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के पूर्व डायरेक्टर निरमलेंद्रु मोहपात्रा ने स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित करते हुए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया की कार्यप्रणाली से अवगत कराया । ब्लास्ट फर्नेस, इंडक्शन फर्नेस व रोलिंग मिल के विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी। उन्होंने स्टूडेंट्स को आपसी सहयोग एवं हमेशा कुछ नया पढ़ते रहने पर जोर दिया।
कॉन्क्लेव की शुरूआत में डीन इंडस्ट्री सेल डॉ रतन कुमार जैन ने अतिथियों के स्वागत पश्चात् इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इंस्डस्ट्री का मुख्य काम क्वालिटी ऑफ लाइफ को विकसित करना है। ऐसे में बेहतर रिसर्च एंड डवलपमेंट की बहुत जरूरत है। इंडस्ट्रीज और एकेडमिक इंस्टीट्यूट एक दूसरे का सहयोग करके इसमें बेहतर परिणाम ला सकते हैं।
कांक्लेव का उद्देश्य इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के स्टूडेंट्स को इंडस्ट्रीज की वास्तविक रिक्वायरमेंट या प्रोसेस से रूबरू करवाकर उन्हें प्रैक्टिकली तैयार करना रहा ताकि कारपोरेट सेक्टर या प्रमुख कंपनियों में उनका प्लेसमेंट हो सके। इस दौरान देश के बेहतरीन इंडस्ट्री एक्सपट्र्स ने स्टूडेंट्स की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया और जॉब अपाच्र्युनिटीज को सक्सेस में बदलने के गुर भी सिखाए। यह कॉन्क्लेव स्टूडेंट्स के साथ फैकल्टीज को भी वर्तमान इंडस्ट्री रिक्वायरमेंट से अपडेट करने में सहायक साबित हुई ताकि उसी के अनुरूप वे स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन कर सकें। इस मौके पर इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के चीफ कॉर्डिनेटर डॉ रतन कुमार जैन सहित विभिन्न डिपार्टमेंट्स के डीन, एचओडी, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स व फैकल्टी उपस्थित रहे।

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