scriptDo not present the report and tell that it is raining in Gwalior, work | रिपोर्ट पेश कर ऐसा मत बताइए कि ग्वालियर में चमन बरस रहा है, मौके पर काम दिखना है , हनुमान व मामा का बांध से हटेंगे अतिक्रमण | Patrika News

रिपोर्ट पेश कर ऐसा मत बताइए कि ग्वालियर में चमन बरस रहा है, मौके पर काम दिखना है , हनुमान व मामा का बांध से हटेंगे अतिक्रमण

locationग्वालियरPublished: Aug 08, 2023 11:04:27 am

Submitted by:

Balbir Rawat

ग्वालियर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी, -स्वर्ण रेखा नदी के सौंदर्यीकरण का मामला
जल संसाधन अतिक्रमण चिह्नित करके बताएगा, नगर निगम उन्हें हटाएगा, पुलिस व प्रशासन करेंगे सहयोग

रिपोर्ट पेश कर ऐसा मत बताइए कि ग्वालियर में चमन बरस रहा है, मौके पर काम दिखना है , हनुमान व मामा का बांध से हटेंगे अतिक्रमण
रिपोर्ट पेश कर ऐसा मत बताइए कि ग्वालियर में चमन बरस रहा है, मौके पर काम दिखना है , हनुमान व मामा का बांध से हटेंगे अतिक्रमण
ग्वालियर. हाईकोर्ट की युगल पीठ स्वर्ण रेखा के सौंदर्यीकरण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि रिपोर्ट पेश कर ऐसा मत बताइए, कि शहर में चमन बरस रहा है। काम मौके पर दिख रहा है। कोर्ट ने जल संसाधन विभाग को आदेश दिया है कि हनुमान बांध में अतिक्रमण चिह्नित करेंगा। नगर निगम पुलिस व प्रशासन के सहयोग से हटागी। इसके अलावा न्याय मित्र केएन गुप्ता को निर्देशित किया है कि स्वर्ण रेखा में जो नाला मिलाया जा रहा है, उसकी वास्तविकता देख कर रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करें। पांच सितंबर को याचिका की फिर से सुनवाई होगी।
दरअसल विश्वजीत रतौनिया ने स्वर्ण रखा नदी को अपने मूल स्वरूप में लाने के लिए जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि स्वर्ण रेखा में कांक्रीट कर दी है, जिससे वाटर रीचार्ज सिस्टम खत्म हो गया है। साथ ही इसमें सीवर का पानी फैल रहा है। हाईकोर्ट नदी के सौंदर्यीकरण के लिए आदेश जारी किया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इसका सौंदर्यीकरण करना होगा। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह, स्मार्ट सिटी सीईओ, अपर कलेक्टर, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता मौजूद रहे। कोर्ट ने कहा कि स्वर्ण रेखा का सौंदर्यीकरण का कार्य मौके पर दिखना चाहिए। पानी में आने वाली बाधाओं को हटाना होगा।
स्वर्ण रेखा के सौंदर्यीकरण के लिए यह बताई योजना
- नगर निगम के अधिवक्ता दीपक खोत ने कोर्ट को बताया कि नदी के दोनों किनारों पर नई सीवर लाइन डाली जाएगी, जिससे सीवर का पानी नदी में न आए। इसके लिए डीपीआर तैयार कराने की प्रक्रिया चल रही है। उसके बाद फंड मांगा जाएगा।
- स्मार्ट सिटी ने नदी के दोनों ओर जालियां लगाने का फैसला लिया है। इसमें नौ करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है, लेकिन अभी स्मार्ट सिटी के पास दो करोड़ रुपए ही बचे हैं। इस फंड से उन जगहों पर जालियां लगा रहे हैं, जहां लोग कचरा डाल रहे हैं।
नाले का होगा सत्यापन
नगर निगम चेतकपुर से निकलने वाले नाले को स्वर्ण रेखा में काम कर रही है। चाट बाजार से लाइन खोदने का काम भी शुरू कर दिया है। अधिवक्ता अवधेश तोमर ने आवेदन पेश कर न्यायालय के संज्ञान में लाया कि नदी में सीवर व नालों को रोकने का काम चल रहा है, लेकिन नगर निगम नया नाला मिला रही है। इसके जवाब में नगर निगम ने तर्क दिया कि 18 करोड़ की लागत का कार्य है। बारिश के पानी को लाया जा रहा है। यह साफ पानी रहेगा। न कि नाले का पानी। कोर्ट ने आदेश दिया है कि न्याय मित्र मौके पर जाकर वास्तविकता देखें।
Copyright © 2023 Patrika Group. All Rights Reserved.