मामला यह है कि ग्राम सांखनी की इन्द्रानगर कॉलोनी में रहने वाले गरीब किसानों ने चार साल पूर्व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए एक लाख रुपए का कर्ज लिया था। इस राशि में 50 प्रतिशत तक की उन्हें योजना के तहत छूट मिली थी। आधी राशि इन्हें किस्त के रूप में बैंक को चुकाना था। इन किसानों का कहना है कि उन्होंने काफी राशि जमा कर दी है थोड़ी बहुत रह गई है। इस मामले को लेकर किसान एकता परिषद की अगुआई में एसडीएम इकबाल मोहम्मद पर जनसुनवाई में फरियाद लेकर आए। किसानों ने एसडीएम को बताया कि मुख्य
कार्यपालन अधिकारी भितरवार के निर्देश पर 22 जनवरी को ग्रामीण बैंक शाखा करियावटी के प्रबंधन ने सांखनी गांव पहुंचकर किसानों के परिवार को आवासों से बाहर निकालकर उनमें ताले डाल दिए हैं जिससे इनके परिवार सडक़ पर आ गए हैं। ये परिवार खुले में जीवन जीने को मजबूर है। किसानों का कहना था कि एक तरफ तो सरकार प्रधानमंत्री आवास बनाकर दे रही है दूसरी तरफ लोगों को मकानों से बेदखल किया जा रहा है।
अपनी बात एसडीएम के समक्ष रखने के बाद किसानों व उनकी महिलाओं ने एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि नगर पंचायत सीईओ और बैंक प्रबंधन मनमानी कर रहे हैं। उन पर अगर कर्ज बकाया है तो बैंक नोटिस देकर समय देता कर्ज चुकाने के लिए लेकिन बैंक ने सीधे मकान से बाहर निकाल दिया है। ग्रामीणों का आरोप था कि बैंक प्रबंधक ने ताले डालने की कार्रवाई के दौरान महिलाओं से अभद्रता भी की। किसानों ने आवेदन की प्रति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह व कलेक्टर ग्वालियर राहुल जैन को भी भेजी है।
सांखनी गांव से कुछ किसान मिलने आए थे। मैंने जनपद सीईओ को निर्देशदिए हैं कि तत्काल मकानों के ताले खुलवाए जाएं। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि मकानों में ताले डाले जाएं।
इकबाल मोहम्मद,एसडीएम भितरवार
इकबाल मोहम्मद,एसडीएम भितरवार