अटेंडर को बच्चियों के बारे में जानकारी हो आरटीओ ने स्कूल संचालकों से कहा कि बच्चे जिस वाहन से स्कूल आते-जाते हैं, उनमें महिला अटेंडर होना आवश्यक है। खासतौर से जिनमें छात्राएं आती जाती हैं। अटेंडर महिला टीचर के अलावा स्कूल की कोई महिला कर्मचारी भी हो सकती है, जिसे बच्चियों के बारे में जानकारी हो।
बैठक में लगभग 40 स्कूलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें मात्र 8-10 ने ही अपनी बात रखी। कुछ ने वाहनों पर नजर रखने का विरोध किया, लेकिन कुछ देर में कहने लगे कि आप हमारा सहयोग करें तो हम भी बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान देंगे।
स्कूल संचालकों से कहा गया कि स्कूल संचालन के लिए तीन एनओसी भी दिखानी होंगी। इसके लिए एक फॉर्म आरटीओ सभी स्कूलों के संचालकों को मेल करेंगे, जिसमें जानकारी भरकर देनी होगी। इसमें फायर की एनओसी में फायर सेफ्टी की सभी व्यवस्थाएं दिखानी होंगी। ट्रांसपोर्ट के तहत सभी वाहनों की, और तीसरी नगर निगम से सफाई की एनओसी रखनी होगी, जिससे बच्चों का जीवन सुरक्षित रहे।
आप सामने नहीं आओ, हमें फोटो भेजो
कुछ स्कूल संचालकों ने कहा कि हमारे सामने कुछ वाहन चालक स्कूल में अधिक बच्चे लेकर आते हैं। इस पर आरटीओ ने कहा कि आप सामने नहीं आओ, केवल वाहन का फोटो खींचकर मेरे व्हाट्स ऐप पर भेज दो, फिर कार्रवाई करने का काम हमारा है। आपका नाम नहीं आएगा।
ड्राइवर का परीक्षण जरूरी
स्कूलों में चलने वाले वाहनों के चालकों की पूरी जानकारी स्कूल संचालक पर होनी चाहिए, जिसमें ड्राइवर की डिटेल, नाम पता और चरित्र प्रमाण पत्र के साथ उसका परीक्षण भी होना चाहिए कि ड्राइवर शराब, नशा पत्ते का आदि तो नहीं है। उसे कोई ऐसी बीमारी तो नहीं है, जो बच्चों में फैल सके।