स्वास्थ्य विभाग और जिगित्सा कंपनी के बीच एंबुलेंस 108 को लेकर अनुबंध हुआ है, जिसके अनुसार एंबुलेंस में सभी जीवन रक्षक दवाएं रहेंगी। इसके साथ ही उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर होना भी आवश्यक है, लेकिन अधिकतर एंबुलेंस में कहीं टायर खराब हैं, तो कहीं किसी में एसी कूलिंग नहीं दे रहा है। साथ ही दवाएं भी गायब हैं। साथ ही एंबुलेंस चालकों पर यह आरोप भी लगता रहा है कि ग्रामीण क्षेत्र से मरीजों को सरकारी अस्पताल ले जाने की जगह निजी चिकित्सालय में ले जा रहे हैं। इनके अलावा यह एंबुलेंस अपनी लोकेशन छोडकऱ दूसरी जगह खड़ी हो रही हैं।
नहीं सुधर रही हालत
एंबुलेंस 108 की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए सीएमएचओ कार्यालय में हर सोमवार को बैठक होती है, लेकिन इन बैठकों में अधिकतर जिगित्सा केयर कंपनी के जिला कॉॢडनेटर गायब रहते हैं। कई बार सीएमएचओ द्वारा एंबुलेंस की व्यवस्थाएं सुधारने के लिए जिला कॉॢडनेटर एवं एंबुलेंस से जुड़े अन्य लोगों से कहा है, लेकिन उनकी हालत नहीं सुधर सकी है। सीएमएचओ डॉ.मृदुल सक्सेना ने इस संबंध में बीते रोज एनएचएम के डायरेक्टर को पत्र लिखा है, जिसमें कंपनी के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की है।