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ग्वालियर

जब अपहरण करते थे तब उनके माता-पिता और बच्चों के बारे में नहीं सोचा

सत्र न्यायालय में मासूम बच्चियों के अपहरण के मामले में सजा सुनाए जाने से पहले आरोपी महिला लक्ष्मीबाई उर्फ मुन्नी बाई कुशवाह के आवेदन को कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जब दोनों मां-बेटे मासूम बच्चियों का अपहरण करते थे तब क्या उन्होंने…

ग्वालियरJul 20, 2019 / 12:58 am

रिज़वान खान

gwalior court

जब अपहरण करते थे तब उनके माता-पिता और बच्चों के बारे में नहीं सोचा

ग्वालियर. सत्र न्यायालय में मासूम बच्चियों के अपहरण के मामले में सजा सुनाए जाने से पहले आरोपी महिला लक्ष्मीबाई उर्फ मुन्नी बाई कुशवाह के आवेदन को कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जब दोनों मां-बेटे मासूम बच्चियों का अपहरण करते थे तब क्या उन्होंने कभी यह सोचा कि इससे उस बच्ची और उसके माता-पिता पर क्या बीत रही होगी। यह कहते हुए न्यायालय ने मुन्नी बाई और उसके बेटे को चार-चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
सत्र न्यायाधीश दीपक कुमार अग्रवाल ने मासूम बच्चियों का अपहरण कर उनसे देह व्यापार कराने वालों को बेचे जाने के मामले में सजा भुगत रही लक्ष्मीबाई उर्फ मुन्नी बाई और उसके लडक़े राजेश कुशवाह एक और मामले में सजा सुनाई तो तो लक्ष्मीबाई बोली, उसके लडक़े राजेश के स्थान पर उसे सजा दे दी जाए, क्योंकि उसकी बेटी अभी छोटी है। इस पर न्यायालय ने उपरोक्त टिप्पणी करते हुए दोनों को सजा सुनाई। दोनों पर पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना भी किया गया।
लोक अभियोजक बृजमोहन श्रीवास्तव ने न्यायालय को बताया कि लक्ष्मीबाई और उसके लडक़ों के खिलाफ बच्चियों के अपहरण के सात-आठ मामले दर्ज हैं। इनमें से एक मामले में उन्हें हाल ही में सजा सुनाई गई है। कुछ मामले लंबित हैं। उनकी पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्हें कठोर सजा की मांग की।
कोर्ट में बालिका ने पहचान लिया आरोपी महिला को
बालिका को पुलिस ने आरोपी राजेश कुशवाह के घर से बरामद किया था। बालिका को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया था। बच्ची ने जब अपने माता-पिता को पहचान लिया तब उसे उनके सुपुर्द कर दिया था। वहीं बालिका ने अदालत में आरोपी महिला को पहचान लिया था जो उसे घर से उठा कर ले गई थी।
तीन साल की बच्ची का किया था अपहरण
लोक अभियोजक श्रीवास्तव ने कहा कि 17 अगस्त 13 को नाका चन्द्रवदनी में सुबह 10.30 बजे घर के बाहर खेल रही तीन साल की लडक़ी को मुन्नीबाई उठा कर ले गई थी। बालिका के बाबा रामदास ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिस पर पुलिस ने जांच भादसं की धारा 363, 366 व अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था।

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