शहर में किया शूट डॉ. कुसुम सिंहल ने बताया कि यह फिल्म 20 मिनट की है, जिसे फाइनल टच देने में लगभग 20 दिन का समय लगा। इसमें गोग्स की टीम ने रोल किया है। इसकी शूटिंग शहर की एमिटी यूनिवर्सिटी और एक हॉस्पिटल में की गई। फिल्म का उद्देश्य गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की होने वाली मौत के आंकड़े को कम करना है।
इन्होंने निभाई भूमिका डॉ. कुसुम लता सिंहल, डॉ. वीरा लोहिया, डॉ. अनुपमा मित्तल, डॉ. प्रवीण मित्तल, डॉ. रिचा शर्मा, डॉ. प्रबुद्धशील मित्तल, डॉ. चारू मित्तल, डॉ. अंशु वाजपेयी, डॉ. विवेक अग्रवाल, डॉ. विनीता अग्रवाल, डॉ. अर्चना जैन, डॉ. हेमा त्रिवेदी, डॉ. शिराली रुनवाल, कर्नल राजेन्द्र कुमार, अनिल मुदगम, बबीता अग्रवाल।
ये है स्टोरी एक गर्भवती स्त्री डॉक्टर के पास डिलीवरी के लिए पहुंचती है, लेकिन उसे सीवियर एनीमिया होता है। डॉक्टर उसकी सास से कहती है पिछले 9 महीने आपने किसी डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाया। सास बोलती है कि इसे कुछ हुआ ही नहीं। बार-बार बिस्तर में लेट जाया करती थी, मुझे लगा काम चोरी कर रही है। खैर डॉक्टर इलाज करती है और उस दौरान उसकी मौत हो जाती है। परिजन हंगामा करते हैं और डॉक्टर के ऊपर केस कर देते हैं। कोर्ट में जज परिजन की दलील सुनकर बोलता है कि यदि डॉक्टर सीरियस केस लेना बंद कर देंगे, तो मौत का आंकड़ा बढ़ जाएगा। इसलिए जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान पेशेंट की नियमित जांच कराई जाए।