ग्वालियर-चंबल संभाग में भी कृषि से बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है, निश्चित ही उन सभी को इससे फायदा मिलेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर पर 103 लाख करोड़ का प्रावधान निश्चित तौर पर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले साबित होंगे। जन कल्याण की सुविधाओं के लिए स्वच्छ पानी की बड़ी योजनाएं चलाने का प्रावधान भी बजट में रखने से कृषि को बड़ा लाभ प्राप्त होगा। जहां तक एलआईसी में बड़ी हिस्सेदारी बेचने की बात है तो इसमें कार्यरत एजेंट आदि को नुकसान पहुंचेगा।
स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं पर भी पीपीपी मॉडल को सरकार ने अपनाया है। इस आधार पर हर जिले के अस्पताल के साथ मेडिकल कॉलेज अटैच करने का प्रस्ताव कारगर साबित होगा। स्वच्छता अभियान सहित पोषण से जुड़ी योजनाओं और महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए भी सरकार ने बड़ी रकम देने की घोषणा की है। इसकी बहुत जरूरत है। उद्योगों की दृष्टि से बजट में अधिक कुछ नहीं दिया गया है, यदि इसमें भी कुछ दिया जाता तो ग्वालियर को निश्चित ही फायदा मिलता क्योंकि यहां उद्योगों के विकास के लिए बड़ी संभावनाएं हैं। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे प्रदेशों को राशि आवंटित करके पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है। इससे राष्ट्रीय आय में भी बढ़ोतरी होगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर 103 लाख करोड़ के प्रावधान से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, जन कल्याण की सुविधाओं के लिए स्वच्छ पानी की बड़ी योजनाएं चलाने का प्रावधान भी बजट में रखने से कृषि को बड़ा लाभ प्राप्त होगा।