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कोर्ट ने माना डॉ भल्ला बिना अनुमति के कर रहे थे अस्पताल का संचालन

locationग्वालियरPublished: Dec 09, 2019 06:35:22 pm

-रिहायशी कालोनी में व्यवसायिक गतिविधि का संचालन नियम विरुद्ध, इसलिए आवेदक किसी सहायता को पाने हकदार नहीं, डॉ भल्ला को मिला स्थगन आदेश समाप्त

कोर्ट ने माना डॉ भल्ला बिना अनुमति के कर रहे थे अस्पताल का संचालन

कोर्ट ने माना डॉ भल्ला बिना अनुमति के कर रहे थे अस्पताल का संचालन

ग्वालियर। सहारा अस्पताल के संचालक डॉ एएस भल्ला को मिली राहत अदालत द्वारा उन्हें मिले स्थगन आदेश के निरस्त होने के साथ ही समाप्त हो गई। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जांच रिपोर्ट से स्पष्ट है कि बसंत विहार कॉलोनी रिहाइशी कॉलोनी है। डॉ भल्ला ने इस कॉलोनी के पार्क की जमीन पर अवैधानिक रुप से निर्माण किया है। लिहाजा अदालत ने तोडफ़ोड़ पर रोक लगाए जाने के लिए प्रस्तुत आवेदन को खारिज कर दिया।
व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक सुनील अहिरवार ने अपने आदेश में कहा कि डॉ भल्ला ने अपने आवेदन में स्पष्ट किया है कि वे जहां सहारा अस्पताल संचालित हो रहा है उस भवन के किराएदार हैं लेकिन उनके द्वारा कोई भी दस्तावेज पेश नहीं किया गया। उनके द्वारा किसकी अनुमति से इस भवन में अस्पताल का संचालन किया जा रहा है यह भी स्पष्ट नहीं किया गया। एेसी स्थिति डॉ भल्ला यहां अतिक्रमणकारी के रुप में दर्शित होते हैं। एेसी स्थिति में डॉ भल्ला द्वारा दिया गया आवेदन अस्वीकार किया जाता है।
निगम ने कहा पार्क को किया था खुर्द-बुर्द
निगम की ओर से अदालत में अपना जवाब प्रस्तुत कर कहा गया कि सहारा हास्पिटल वाला भवन टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग के ले आउट के अनुसार पार्क की जमीन पर बना है। इस पार्क की जमीन को बृजमोहन सिंह परिहार एवं रश्मि परिहार ने आवेदक डॉ भल्ला के साथ मिलकर खुर्द-बुर्द किया है। आवेदक ने बिना अनुमति के यहां निर्माण किया। इस प्रकार बृजमोहन सिंह परिहार के साथ मिलकर आवेदक ने बच्चों के खेलने के लिए सुरक्षित जमीन पर कब्जा कर यहां अवैध रुप से अस्पताल का निर्माण किया।
पार्क पर निर्माण कर दे दिया किराए पर
शासन ने जांच रिपोर्ट के साथ कॉलोनी का ले आउट व अन्य दस्तावेज पेश किए। जिसमें कहा गया कि पार्क की जमीन पर किसी भी प्रकार का निर्माण करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। एेसे निर्माण को हटाने के लिए शासन स्वतंत्र है। सुनवाई के दौरान डॉ भल्ला का बृजमोहन सिंह परिहार का किराएदार होने के संबंध में कोई खंडन नहीं किया गया। डॉ भल्ला ने न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर कहा था कि वे भाड़ेदारी की हैसियत से अस्पताल का संचालन कर रहे हैं, जिसे प्रशासन द्वारा तोडऩे का प्रयास किया जा रहा है, उनके द्वारा यहां कोई निर्माण नहीं किया गया है, उन्होंने जो किराए पर लिया है उसी में अस्पताल संचालित है।
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