सीएमएचओ के जरिए सेंपल क्यों आना बंद हुए, फिर क्यों चालू हो गए उन्हें पता नहीं है। स्टेट लेबल पर या स्थाई प्रषासन वजह बता सकता है। उधर डीआरडीई में कोरोना वायरस की जांच के लिए जरुरी किट को लेकर चिंता बढ रही है। अभी तक लैब मे जो सेंपल जांच के लिए आ रहे हैं डीआरडीई उन्हें अपनी निजी किट से जांच रही है।
जबकि उसे कोरोना वायरस की जांच के लिए एनसीडीसी द्वारा अधिकृत करते वक्त सरकार ने वायरस जांच किट मुहैया कराने भरोसा दिलाया था।
एक हजार किट का इंतजार
डीआरडीई के वैज्ञानिकों का कहना है कि सोमवार को 40 सेंपल जांच के लिए आए हैं, हर सैंपल की जांच के लिए एक किट की जरुरत होती है।
इसलिए राज्य स्वास्थ आयुक्त से फिर कहा गया है कि जांच के लिए करीब एक हजार किट की जरुरत उन्हें जल्द मुहैया कराया जाए। लैब को फिर भरोसा दिलाया गया है कि एक दो दिन में किट लैब को मुहैया कराई जाएंगी।
किट का टोटा या वर्चस्व का मसला
डीआरडीइ में कोरोना सेंपल की जांच रुकने के पीछे की अंदरुनी वजह इकाई और इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के बीच फंसा हैं।
इस आषंका से इंकार नहीं किया जा रहा है कि सेंपल जांच का काम रोकने के पीछे काफी हद तक जरुरी किट की सप्लाई नहीं करना भी वडी वजह हो सकती है। इसके अलावा आइएमसीआर का डीआरडीई पर सीधा नियंत्रण नही होना भी एक वजह मानी जा रही हैं।
सेंपल आए हैं जांच होगी
डीआरडीई में सोमवार को सीएमएचओ ने जांच के लिए सेंपल भेजे हैं, उनकी जांच की जा रही है। बीच में सेंपल क्यों रोके गए थे इसकी जानकारी नहीं है।
परितोष मालवीय जनसंपर्क अधिकारी डीआरडीई