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स्वच्छता अभियान में रैंकिंग को प्रचार पर खर्च, जमीनी हकीकत रात में फैला रहता है कचरा

locationग्वालियरPublished: Feb 09, 2020 07:23:00 pm

Submitted by:

Dharmendra Trivedi

स्वच्छता अभियान में रैंकिंग को प्रचार पर खर्च, जमीनी हकीकत रात में फैला रहता है कचरा
: मेला की लगभग हर सडक़ पर लगते हैं सूखे कचरे के ढेर

: Dried garbage piles on almost every road of the fair

Spending on hygiene ranking in cleanliness campaign, ground reality remains garbage in night

ग्वालियर। स्मार्ट सिटी रैंकिंग में अव्वल लाने के लिए फीडबैक से लेकर तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रचार के तमाम तरीके से अपनाकर सरकारी फंड को खर्च कर रही है। इसके बाद भी शहर को साफ-सुथरा बनाने में असफल हो रहे हैं। वर्तमान में प्रतिदिन सबसे ज्यादा लोगों की भीड़ को समेट रहे ग्वालियर व्यापार मेला परिसर में भी सफाई के तमाम दावे बेअसर हुए हैं। खास बात यह है कि न दिन में सडक़ें साफ दिख रही हैं और न रात में भीड़ हटने पर कचरा हटाया जा रहा है। पत्रिका ने मेला की सफाई की वास्तविकता परखने के लिए रात 12 बजे लगभग सभी सैक्टरों में घूमकर देखा। इस दौरान लगभग हर छतरी पर कचरा नजर आया। एक जगह कचरे में आग लगी हुई भी मिली। दो जगह पुलिस के जवान जहां बैठे थे, वहीं कचरा पड़ा था।

 

यह दिखा मेले के सैक्टर्स का हाल

 

मैन गेट से प्रदर्शनी सैक्टर


-सडक़ के किनारे पर चारों ओर कचरा बिखरा हुआ था। जिसकी वजह से डामर की सडक़ खराब नजर आ रही थी। इसके अलावा रात में अगर कोई इधर से निकले तो लगेगा ही नहीं कि जिस सडक़ के किनारे स्वच्छता का संदेश देने वाली प्रदर्शनी लगी है, उसी के बाहर गंदगी है।

 

झूला सैक्टर से खानपान सैक्टर


-झूला सैक्टर की सडक़ पर भी कचरा था। यहां से आगे की ओर खानपान सैक्टर की ओर जाते ही गंदगी और खराब तस्वीर सामने आई। जिन नामी प्रतिष्ठानों का स्वाद लेने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, उनके दरवाजे पर दोने बिखरे थे। बचा हुआ खाना सडक़ पर पड़ा था। जो नीले ड्रम कचरा डालने के लिए रखे थे, उसमें से एक को किसी पशु ने उलट दिया था, जिसके कारण गंदगी का ढेर लग गया था।

 

घरेलू सामान सैक्टर


-पारंपरिक घरेलू सामान के सैक्टर में कचरा कम नजर आया, लेकिन यहां लोहे की तमाम कीलें सडक़ पर मिलीं। दुकानदारों की लापरवाही से यह सडक़ पर आई हैं। अगर किसी सैलानी के पैर में चुभ गई या किसी बच्चे को लगी तो अस्पताल पहुंचना तय है।

 

कचरे में लग रही थी आग


व्यवसाइयों में से किसी ने सफाई कराने के लिए अतिरिक्त मेहनत से बचने के लिए सडक़ पर फैंगे गए कचरे में आग लगा थी। अगर असावधानीवश इस आग की चिंगारी ने किसी दुकान को छू लिया तो बड़ा हादसा होने की संभावना है। दुकानदार लगभग हर रात कचरे में आग लगाते हैं। सुबह भी यही हाल रहता है, झाडू लगाने वाले कचरे का ढेर बनाकर किसी कौने में आग लगा देते हैं, जिससे जहरीला धुआं उठता है।

 

शौचालयों की भी नहीं होती सफाई


मेला में आए व्यवसाई और सैलानियों के लिए पब्लिक टॉयलेट बनाए गए हैं। इनमें से जो पेड हैं, वे कुछ हद तक ठीक हैं, लेकिन पब्लिक टॉयलेट में उठती बदबू और गंदगी के कारण सामान्य जन वहां जाने से भी कतराते हैं। खासकर महिलाओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

 

समितियां बनीं दिखावा


मेला में इंतजामों को दुरुस्त रखने के लिए उद्घाटन से पहले ही अलग-अलग समितियां बनाई गई थीं। इन समितियों में शामिल अधिकारियों को मेले में बिजली, पानी, सुरक्षा के साथ-साथ सफाई की व्यवस्था को सही रखने की जिम्मेदारी भी दी गई थी। लेकिन हर ओर बिखरा कचरा इस बात की गवाही दे रहा है कि स्वच्छता को लेकर प्रशासन गंभीर रख अख्तियार नहीं कर रहा है।

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