दो दिन मथुरा, वृदांवन घूमे थे, रविवार शाम करीब 7 बजे मथुरा से अशोकनगर के लिए रवाना हुए। रात करीब 1:30 बजे मुरैना पहुंचकर खाना खाया। उसके बाद चालक रविन्द्र को नींद के झोंके आने लगे। उससे कहा था कि सो जाओ, ऐसी जल्दी नहीं है। खतरा उठाने की बजाए देर से पहुंच जाएंगे, लेकिन वह नहीं माना। उसे अशोकनगर पहुंचने की जल्दी थी, क्योंकि उसकी दूसरी पार्टी बुक थी। लगातार उसके पास फोन आ रहे थे। ग्वालियर क्रॉस करने के बाद कार में बैठे सभी लोगों को नींद आ गई। मैं बेटे निष्कर्ष के साथ पीछे की सीट पर था। पत्नी रिंकी महिलाओं के साथ बीच की सीट पर थी। मोहना पहुंचकर जोर का धमाका हुआ, चीख पुकार सुनकर आंख खुली तो देखा कि कार खून से सनी थी, हम लोग फंसे हुए थे। राहगीर हमें बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे। आशंका है कि ड्राइवर रविन्द्र को झपकी लगी, इसलिए वह सामने जा रहा ट्रक नहीं देख सका और कार उसमें घुस गई।
(घायल अरविंद लोधी ने पत्रिका को बताया)
बेटे दीपक, नाती सिद्धार्थ और नातिन सिद्धि की मौत से दुखी परमानंद नहीं समझ पा रहे थे कि यह सब कैसे हो गया। उनका कहना था कि नातिन सिद्धी बहुत बातें करती थी, उसके साथ घूमने गए लोग भी उसे याद कर रहे हैं। उन्हें अपने जख्म और तकलीफ से ज्यादा सिद्धी की मौत तड़पा रही है। उसकी बातें सबको याद आ रही हैं, पूरे सफर में सिद्धि सबसे बातें करती रही थी। परमानंद का कहना है कि बेटे और नाती के साथ नातिन की मौत ने उन्हें तोड़ दिया है।
पिंकी पत्नी दीपक अहिरवार, अरविंद लोधी, सोनू लोधी, चंदू लोधी, रिंकी पत्नी अरविंद, सपना पत्नी सोनू, निष्कर्ष पुत्र अरविंद सहित दो और बच्चे जख्मी हुए हैं। इन्हें इलाज के लिए जेएएच के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
कार एक्सीडेंट में दीपक अहिरवार उनके दोनों बच्चे और विपुल की मौके पर ही मौत हो गई थी। सिद्धी पिता की गोद में बैठी थी, उसके सिर में भी गहरी चोट लगी थी, जबकि बेटा सिद्धार्थ पीछे की सीट पर था, वह गंभीर रूप से घायल हो गया, उसने अस्पताल पहुंचकर दम तोड़ दिया। पुलिस का कहना है कि तीनों शव मोहना से ग्वालियर लाने के लिए वाहन नहीं मिला तो डायल 100 में रखकर लाया जा रहा था। घाटीगांव के पास पहुंचकर डायल 100 का टायर फट गया। गाड़ी लहराकर सडक़ के नीचे आ गई, लेकिन चालक ने कंट्रोल कर लिया नहीं तो एक और हादसा हो जाता।
चालक रविन्द्र बागरी ने पुलिस को बताया कि दीपक और उनके साथ घूमने आए लोगों ने मथुरा से चलते समय गाने की सीडी खरीदी थी। उसमें गाना एक डोली चली, एक अर्थी चली, कार में सवार सभी लोगों को काफी पंसद आया था। इस गाने के खत्म होते ही सभी उसे दोबारा चलाने की जिद करते थे। मथुरा से ग्वालियर तक इस गाने को कई बार सुना। उस समय किसी को आभास नहीं था जिस गाने को पंसद कर रहे हैं, कुछ वैसा ही उनके साथ होने वाला है।
टीकला चौराहे पर ट्रक और कार के बीच एक्सीडेंट सोमवार तडक़े हुआ है, इसमें ट्रक चालक की लापरवाही सामने आ रही है। उसका पता लगाया जा रहा है। एक्सीडेंट में दो मासूम बच्चों सहित चार लोगों की मौत हुई है, 10 घायल हुए हैं। कार में तादाद से ज्यादा लोग बैठे थे।
राम नरेश यादव, मोहना टीआइ