ग्वालियर

गर्मी बढऩे से साढ़े चार लाख लीटर से कम होकर ढ़ाई से तीन लाख लीटर हो गई दूध की आवक

– दूध के बाद दही, देसी घी, पनीर, क्रीम के दामों मेे भी हो गई बढ़ोतरी, वहीं पशु चारा अभी भी बना हुआ है महंगा- दूध की आवक कम होने पर ब्रांडेड कंपनियों के दूध से की जाने लगी आपूर्ति

ग्वालियरMay 28, 2022 / 11:27 pm

Narendra Kuiya

गर्मी बढऩे से साढ़े चार लाख लीटर से कम होकर ढ़ाई से तीन लाख लीटर हो गई दूध की आवक

ग्वालियर. गर्मी बढऩे के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में दूध की कमी होने से शहर में दूध की आवक में कमी होने लगी है। पहले जहां शहर में दूध की डेयरियों पर हर रोज करीब साढ़े चार लाख लीटर दूध की आवक हो रही थी, वह घटकर अब ढ़ाई से तीन लाख लीटर पर जा पहुंची है। दूध कारोबारियों की मानें तो तेज पड़ी गर्मी और सहालग की मांग के चलते दूध की आवक पर असर पड़ा है। दूध की आवक में अब जुलाई माह के बाद ही बढ़ोतरी होगी। हालांकि अब ब्रांडेड कंपनियों के दूध से उसकी पूर्ति की जा रही है। इस साल दूध डेयरी संचालकों ने 11 मार्च और 1 अप्रेल को दूध के दामों में दो-दो रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। वहीं अब दूध से बने उत्पादों दही, देसी घी, पनीर, क्रीम आदि भी महंगे हो गए हैं। इधर पशु आहार अभी भी महंगा बना हुआ है।
ऐसे बढ़े दाम
दूध के उत्पाद पूर्व के दाम अभी के दाम
पनीर 280 रुपए 300-320 रुपए
दही 80 रुपए 100 रुपए
देसी घी 500 रुपए 550 रुपए
क्रीम 280 रुपए 300 रुपए
खोवा 260 रुपए 300 रुपए
स्किम्ड मिल्क पाउडर 250 रुपए 350 रुपए
(नोट – सभी दाम प्रति किलो में)
300 रुपए क्विंटल महंगा हो गया भूसा
पशु आहार में सबसे अधिक बिकने वाले भूसे के दामों में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है। एक महीने पहले 800 रुपए प्रति क्विंटल बिकने वाला भूसा अभी 1000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिक रहा है। इसी तरह से 22 रुपए किलो वाली सरसों की पीना अब 23 रुपए किलो, चने और अरहर की चुनी 22 रुपए से बढक़र 24 रुपए किलो बिक रही है।
जुलाई के बाद बढ़ेगी दूध की आवक
गर्मी बढऩे के साथ-साथ दूध की आवक में हर साल कमी आती है। इसके साथ ही सहालग के दिनों में दूध की खपत में भी बढ़ोतरी होती है। अभी दूध की आवक ढ़ाई से तीन लाख लीटर की ही रह गई है। ये जुलाई माह के बाद बढ़ जाएगी। ऐसे में कई लोग ब्रांडेड कंपनियों के दूध से आपूर्ति पूरी कर रहे हैं। इस साल 11 मार्च और 1 अपे्रल को दो-दो रुपए लीटर दूध के दाम बढ़ाए गए थे, अभी दूध से बने उत्पाद भी महंगे हो गए हैं।
– नरेन्द्र मांडिल, राष्ट्रीय महासचिव, दूध डेयरी व्यवसायी संघ संपूर्ण भारत
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