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मुक्तिधामों में गोबर की लकड़ी से होगा दाह संस्कार, पेड़ कटने से बचाने के लिए बन रही योजना

locationग्वालियरPublished: Aug 07, 2018 01:25:32 am

Submitted by:

Rahul rai

गोशाला से निकलने वाले हजारों क्विंटल गोबर से लकड़ी तैयार करेंगे,ताकि शहर के सभी मुक्तिधामों में लकड़ी की जगह गोबर की लकडि़यों का विकल्प मुहैया कराया जा सके

dung wood

मुक्तिधामों में गोबर की लकड़ी से होगा दाह संस्कार, पेड़ कटने से बचाने के लिए बन रही योजना

ग्वालियर। हरियाली बचाने के लिए नगर निगम प्लांटेशन के साथ सरकारी गोशाला, लाल टिपारा, मुरार में गोबर से लकड़ी बनाने की फैक्ट्री लगाने की योजना पर काम कर रहा है। फैक्ट्री में 100 से अधिक कर्मचारी गोशाला से निकलने वाले हजारों क्विंटल गोबर से लकड़ी तैयार करेंगे,ताकि शहर के सभी मुक्तिधामों में लकड़ी की जगह गोबर की लकडि़यों का विकल्प मुहैया कराया जा सके। इससे लकड़ी से दाह संस्कार की प्रक्रिया पर विराम लगेगा और जंगल से हो रही पेड़ों की कटाई पर रोक लगेगी।

इसके लिए निगम जल्द ही ऑफर आमंत्रित करने की योजना बना रहा है, जिसमें फैक्ट्री लगाने वाले को गोबर और जगह उपलब्ध कराई जाएगी। पीपीपी मॉडल के तहत गोबर से लकड़ी बनाने वाली फर्म को बताना होगा कि वह कैसे, कितनी जगह में, प्रतिदिन कितना काम करेगी और गोशाला को प्रति क्विंटल लकड़ी पर क्या राशि प्रदान करेगी।
एक साल से हो रहा प्रयोग
गोशाला में करीब एक साल से गोबर की लकड़ी बनाने के पायलेट प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है, जिसकी लकडि़यों से लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में अब तक ऑनलाइन संस्था द्वारा करीब 2000 शवों का दाह संस्कार किया जा चुका है। अब चार के सभी मुक्तिधामों में गोबर की लकड़ी दी जाएगी। इसके बाद उद्योगों, होटलों में भी सप्लाई की जाएगी।
अभी एक हजार रुपए
वर्तमान में करीब एक हजार रुपए में दाह संस्कार होता है। चूंकि गाय के गोबर से बने कंडों से संस्कार की प्रक्रिया को उचित माना गया है, इसलिए गोबर की लकडि़यों की मांग बढ़ी है, जिसकी पूर्ति के लिए बड़े स्तर पर प्लांट लगाए जाने की जरूरत है।
लकडिय़ों पर लगेगा प्रतिबंध
जब सभी मुक्तिधामों पर गोबर की लकडि़यों का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में हो जाएगा, तब लकडि़यों से अंतिम संस्कार करने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, ताकि गोशाला भी आत्म निर्भर बने और पर्यावरण संतुलन भी बना रहे। विनोद शर्मा, आयुक्त नगर निगम
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