जिलाध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार के नेतृत्व में आंदोलन में पदोन्नति व पदनाम के मुद्दे भी शामिल हैं। शिक्षकों को पदनाम, समयमान वेतनमान, अध्यापक संवर्ग को सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता पदनाम और एक विभाग एक कैडर में संविलियन के संसोधित आदेश करने तथा शिक्षा विभाग के साथ इ-अटेंडेंस को सभी विभागों में समान रूप से लागू करने की मांग पर पहली बार इतना आक्रोश शिक्षकों में दिखा।
उमस और गर्मी में चार घंटे धरने के बाद रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे शिक्षकों ने कहा कि इ-अटेंडेंस का नियम सभी विभागों में समान रूप से लागू होना चाहिए। शिक्षकों को एंड्रायड मोबाइल, सिम और बैलेंस के लिए बजट की व्यवस्था भी सरकार करे। सीएम के नाम दिए ज्ञापन में जिलाध्यक्ष ने कहा कि २२ दिसंबर २०१७ को सीएम आवास पर प्रांतीय प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया गया था कि उनकी सभी समस्याएं हल की जाएंगी, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
इसके पहले पांच सितंबर को भी इसी मुद्दे पर सीएम से चर्चा हुई थी। शिक्षक संघ ने सीएम की घोषणाओं पर अमल में अधिकारियों द्वारा अवरोध खड़े करने का आरोप भी ज्ञापन में लगाया गया है। आंदोलन में प्रांतीय उपाध्यक्ष रामबरन सिंह, संभागीय सचिव श्यामवीर सिंह राठौर, कोषाध्यक्ष विमलेश यादव, रामौतार, सचिव पवन परिहार, महेश गुप्ता, अवधकिशोर त्यागी, धर्म सिंह, हरनाम सिंह, मधुलता तोमर, रेनू वर्मा, राजकुमारी आदि शामिल रहे।