शिक्षकों की नियुक्तियां
-31 जनवरी को हुई स्थाई समिति की बैठक के मिनट्स एकेडमिक काउंसिल से एप्रूव्ड नहीं हुए थे।
-शिक्षकों की नियुक्तियां यूजीसी के नियमों के अनुसार नहीं हुई। शिक्षकों के पास निर्धारित योग्यता नहीं है। कुछ नियुक्तियां 22 मई 2017 और 2018 में हुई हैं, इनको ढाई साल तक वैध नहीं माना जा सकता है। कुलपति और डीसीडीसी द्वारा गठित चयन समिति के अनुसार काम नहीं किया है। इसके लिए डीसीडीसी डीडी अग्रवाल को नोटिस दिया जाए।
-ईसी मेंबर अनूप अग्रवाल का आरोप है कि जूलॉजी, बॉटनी अध्ययनशाला में पांच साल में कितने छात्रों ने एडमिशन लिया है, यह जानकारी देने के बाद ही अध्ययनशालों का विस्तार किया जाए।
-परीक्षा भवन पर वाहन स्टैंड का बिंदु सामने आया है, इसके लिए ईसी का अनुमोदन लिया है तो बताया जाए।
-डस्ट फिलिंग के लिए आए प्रस्ताव को भी ईसी मेंबर ने अस्वीकार किया है। सदस्य का कहना है कि डस्ट उडऩे से लोग अस्थमा के शिकार हो सकते हैं, इसलिए वॉकिंग ट्रैक पर एक्सपर्ट की सलाह से काम कराया जाए।
-ईसी के अनुमोदन के बिना ही निविदाएं आमंत्रित कराई गई हैं। पीएचडी को लेकर हुई जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
-विवि परिसर में संचालित हेल्थ सेंटर पर खर्च बंद किया जाए और रीवा एवं जबलपुर की तर्ज पर संचालित किए जाएं।
-युवा महोत्सव में हुए खर्च का ब्योरा प्रस्तुत करने के बाद ही बिल पास किए जाएं।
-कुलपति, कुलसचिव और डीसीडीसी द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। जरूरी विषयों का ईसी से अनुमोदन नहीं लिया जा रहा है। बैठक की सूचना भी समय से नहीं दी जा रही। कुलाधिपति भी इसकी जानकारी भेजी है।
अनूप अग्रवाल, कार्यपरिषद सदस्य, जीवाजी विश्वविद्यालय