शिक्षण सामग्री भी कराते हैं उपलब्ध आदित्यपुरम निवासी निर्भय सिंह निजी कंपनी में इंजीनियर हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे कई बच्चे हैं, जिनके पिता मजूदरी करने शहर में आते हैं। माता-पिता मजदूरी करते हैं, बच्चे छोटे होने के कारण वह उन्हें भी अपने साथ कार्यस्थल पर ले जाते हैं। ऐसा नहीं कि यह बच्चे पढ़ना नहीं चाहते, लेकिन मजबूरी में वह शिक्षा से दूर हो जाते हैं। मजदूरी के चक्कर में कई बार माता-पिता को दूसरे शहरों में भी जाना पड़ता है, ऐसे में बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। ऐसे बच्चों को उन्होंने मेला ग्राउंड के आसपास खेलते देखा तो उन्हें पढ़ाने का मन बनाया। वह सप्ताह में दो दिन बच्चों को पढ़ाते हैं। उन्हें शहर में जहां भी ऐसे बच्चे मिलते हैं, वह उन्हें पढ़ाना शुरू कर देते हैं, इनमें कई ऐसे बच्चे भी हैं जो काम करते हैं। इन बच्चों को पढ़ाने के साथ वह उन्हें गिफ्ट भी बांटते हैं। साथ ही माता-पिता को शिक्षा के महत्व के बारे में बताते हैं और उन्हें बच्चों को स्कूल में दाखिल कराने के लिए प्रेरित करते हैं। बच्चों को पढ़ाने के साथ ही खेल भी खिलाते हैं, जिससे वह स्वस्थ रहें। उन्हें समय-समय पर किताब, कॉपियां, पेंसिल आदि भी उपलब्ध करवाते हैं, जिससे पढ़ाई में व्यवधान न आए और बच्चों का भविष्य संवर सके।