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बच्चों को पढ़ाई के साथ पर्यावरण बचाने की दे रहे शिक्षा

locationग्वालियरPublished: Oct 16, 2019 09:06:54 pm

Submitted by:

Harish kushwah

अगर मन में जज्बा और जुनुन हो तो कितनी भी कठिनाई आए अपने मुकाम तक पहुंच ही जाते हैं। एसा ही कुछ जज्बा लेकर पर्यावरण की दिशा में करने में जुटे हुए हैं एमआइटीएस का छात्र।

बच्चों को पढ़ाई के साथ पर्यावरण बचाने की दे रहे शिक्षा

बच्चों को पढ़ाई के साथ पर्यावरण बचाने की दे रहे शिक्षा

ग्वालियर. अगर मन में जज्बा और जुनुन हो तो कितनी भी कठिनाई आए अपने मुकाम तक पहुंच ही जाते हैं। एसा ही कुछ जज्बा लेकर पर्यावरण की दिशा में करने में जुटे हुए हैं एमआइटीएस का छात्र। आर्थिक स्थिति कमजोर होने से कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, फिर भी कभी हिम्मत नहीं हारी। पढ़ाई के साथ-साथ टीम के साथ मिलकर पौधों को लगाकर पर्यावरण की दिशा मे काम कर रहे हैं। यही नहीं अपने ग्रुप के माध्यम से गरीब बच्चों को कोचिंग भी देते हैं।
हम बात कर रहे है महलगांव निवासी आनंद कुशवाह की। आनंद इंडियर वैरियर के नाम के गु्रप से जुड़े हैं। खुद एमआइटीएस से मैकेनिकल के द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। पिछले दो साल से पर्यावरण की दिशा में काम कर है। उनके मन में पर्यावरण को बचाने का विचार तब आया जब उन्होंने देखा कि जिस जगह वह रहते हैं कभी पेड़-पौधों की भरमार थी, लेकिन अब पेड़-पौधों की जगह ऊंची इमारतें नजर आने लगी हैं। एक दिन वह छत पर टहल रहे तो उनके मन में विचार आया कि क्यों न पौधे लगाकर पर्यावरण को बचाया जा सके। फिर निकल पड़े पर्यावरण पर काम करने में। कोचिंग के छात्रों को साथ लिया। कॉलेज के ग्रु्रप मेंबर को बताया। फिर अटल पार्क, मुक्तिधाम, कई स्कूलों में जाकर पौधरोपण किया। पंत नगर में जब पौधरोपण करते समय वहां के लोगों ने पौधे में डालने के लिए पानी तक नही दिया तो दुपहिया वाहन पर कट्टी रखकर लाए ओर पौधों में पानी डाला। उनका कहना है यह सब वह अपने साथियों की मदद से ही कर पाए है। हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बेटा पढ़ाई करके एक अधिकारी बने। जब आनंद के माता-पिता ने देखा कि उसका ध्यान पौधरोपण की तरफ ज्यादा हो रहा है तो उन्होंने उसे टोका। आनंद का कहना था उनका भी टोकना जायज था वह अपना काम कर रहे थे, लेकिन मुझे अपना काम करना था। दोनों की बात बनी रहे इसलिए रात के दो बजे तक पढ़ाई की। इससे घरवालों का विरोध भी खत्म हो गया।
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