हम बात कर रहे है महलगांव निवासी आनंद कुशवाह की। आनंद इंडियर वैरियर के नाम के गु्रप से जुड़े हैं। खुद एमआइटीएस से मैकेनिकल के द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। पिछले दो साल से पर्यावरण की दिशा में काम कर है। उनके मन में पर्यावरण को बचाने का विचार तब आया जब उन्होंने देखा कि जिस जगह वह रहते हैं कभी पेड़-पौधों की भरमार थी, लेकिन अब पेड़-पौधों की जगह ऊंची इमारतें नजर आने लगी हैं। एक दिन वह छत पर टहल रहे तो उनके मन में विचार आया कि क्यों न पौधे लगाकर पर्यावरण को बचाया जा सके। फिर निकल पड़े पर्यावरण पर काम करने में। कोचिंग के छात्रों को साथ लिया। कॉलेज के ग्रु्रप मेंबर को बताया। फिर अटल पार्क, मुक्तिधाम, कई स्कूलों में जाकर पौधरोपण किया। पंत नगर में जब पौधरोपण करते समय वहां के लोगों ने पौधे में डालने के लिए पानी तक नही दिया तो दुपहिया वाहन पर कट्टी रखकर लाए ओर पौधों में पानी डाला। उनका कहना है यह सब वह अपने साथियों की मदद से ही कर पाए है। हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बेटा पढ़ाई करके एक अधिकारी बने। जब आनंद के माता-पिता ने देखा कि उसका ध्यान पौधरोपण की तरफ ज्यादा हो रहा है तो उन्होंने उसे टोका। आनंद का कहना था उनका भी टोकना जायज था वह अपना काम कर रहे थे, लेकिन मुझे अपना काम करना था। दोनों की बात बनी रहे इसलिए रात के दो बजे तक पढ़ाई की। इससे घरवालों का विरोध भी खत्म हो गया।