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मंदी के दौर में नहीं बढ़े विद्युत की दरें, दर बढ़ाने की बजाय वसूली का दायरा बढ़ाया जाए

locationग्वालियरPublished: Mar 06, 2020 12:06:00 am

Submitted by:

Narendra Kuiya

– विद्युत दरों में वृद्धि की याचिका पर मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में विद्युत उपसमिति की बैठक संपन्न

मंदी के दौर में नहीं बढ़े विद्युत की दरें, दर बढ़ाने की बजाय वसूली का दायरा बढ़ाया जाए

मंदी के दौर में नहीं बढ़े विद्युत की दरें, दर बढ़ाने की बजाय वसूली का दायरा बढ़ाया जाए

ग्वालियर. मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग में विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से प्रस्तुत विद्युत दरों में वृद्घि की याचिका पर आपत्ति एवं सुझाव देने के लिए गुरुवार को मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में विद्युत उपसमिति की बैठक संपन्न हुई।
बैठक में मौजूद चैंबर अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि चैंबर की विद्युत उपसमिति प्रभावी तरीके से कार्य करे इसके लिए जरूरी है समिति के सदस्यों का व्हाट्सअप संयोजक बनाएं। सदस्य विद्युत संबंधी किसी भी समस्या को इस पर पहुंचाएं। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से प्रस्तुत की गई याचिका के बारे में मानसेवी सचिव डॉ.प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में विश्वव्यापी मंदी के दौर में विद्युत की दरें नहीं बढ़ाई जाना चाहिए। मध्यप्रदेश की विद्युत दरें छत्तीसगढ़ समेत समीपवर्ती राज्यों की तुलना में अधिक हैं। ऐसी स्थिति में वितरण कंपनियों को दर बढ़ाने की बजाय वसूली और उसके दायरे को बढ़ाना चाहिए।
ये आए सुझाव
– विद्युत बिल के प्रारूप को आसान बनाया जाना चाहिए ताकि वो आम आदमी की समझ में आ सके।
– बिल में जितने भी तरह के चार्ज हैं वह सब वितरण कंपनी में आंतरिक रूप से विभाजित किए जाने का प्रावधान रखा जाना चाहिए।
– स्वयं के भवन के पुर्ननिर्माण के लिए यदि पूर्व से कनेक्शन हैं तो अस्थायी कनेक्शन लेने की बाध्यता को समाप्त किया जाए एवं गैर घरेलू दर से चार्ज न लेते हुए घरेलू दर से चार्ज लिया जाए।
– स्मार्ट प्रीपेड मीटर को बढ़ावा दिया जाए, इससे विद्युत वितरण कंपनियों को एडवांस में राजस्व मिलेगा एवं एरियर वसूलने की समस्या भी खत्म होगी।
– धर्मार्थ, नॉन प्रोफिटेबल संस्थाएं, संगठन आदि के लिए रियायती दर पर टैरिफ निर्धारित किया जाना चाहिए।
ये रहे मौजूद
चैंबर ऑफ कॉमर्स में हुई विद्युत उपसमिति की बैठक में विद्युत उपसमिति संयोजक पवन कुमार अग्रवाल, सहसंयोजक कृष्णबिहारी गोयल, कार्यकारिणी सदस्य पुरूषोत्तमदास गुप्ता, खालिद कुरैशी, अनूप जैन, अनिल बंसल, गोपाल अग्रवाल, नरेश अग्रवाल, सुनील शर्मा आदि मौजूद थे।
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