उन्होंने नियुक्ति में एमसीआइ के नियमों की अवहेलना का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पूरे इंटरव्यू की जांच कर अपात्रों का चयन निरस्त किया जाए, अन्यथा वह न्याय के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाएंगी।
जानकारी के अनुसार गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में प्राध्यापक, सह प्राध्यापक, ट्यूटर रजिस्ट्रार, प्रदर्शक कम स्टेटीशियन के पद पर कुछ समय पूर्व नियुक्तियां की गईं हैं। इसमें प्रदर्शक कम स्टेटीशियन के 3 पद भरे जाने थे, इसके लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एमएससी स्टेटिस्टिक्स थी। इसके लिए शुभांगी चौरसिया ने आवेदन किया था, जिनकी योग्यता एमएससी स्टेटिस्टिक्स थी। उनके अलावा दुर्गेश शुक्ला और नेहा मिश्रा थे, जिनकी शैक्षणिक योग्यता एमएससी बायो स्टेटिस्टिक्स थी।
कुछ समय पूर्व हुए इंटरव्यू में दुर्गेश शुक्ला का चयन किया गया, और नेहा मिश्रा को प्रतीक्षा सूची में रखा गया, जबकि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियम में लिखा है कि इस पद पर केवल एमएससी स्टेटिस्टिक्स शैक्षणिक योग्यता वाले आवेदक को ही नियुक्ति दी जा सकेगी। साथ नियुक्त किए गए दोनों आवेदक मध्यप्रदेश के मूल निवासी न होकर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।
मैं मप्र की मूल निवासी, योग्यता भी ज्यादा शुभांगी चौरसिया का कहना है कि जिनका चयन किया गया है, उनके पास आवश्यक शैक्षणिक योग्यता नहीं है, साथ ही वह उप्र के हैं, जगकि मैं मप्र की मूल निवासी हूं, इसके बाद भी मुझे चयनित नहीं किया। उनका कहना है कि मेरे पास अतिरिक्त योग्यता होने पर भी मेरी डिग्री को अमान्य किया।
इनके हुए चयन
-सह प्राध्यापक पद पर डॉ.मेघा मित्तल रेडियो डायग्नोसिस।
-सहायक प्राध्यापक पद पर चयनित डॉ.श्याम गुप्ता, डॉ.अंकित साहू, डॉ.विनोद कुमार मुदगल (तीनों सर्जरी), डॉ.दिव्या सिन्हा, डॉ.मेघा बांदिल, डॉ.जाकिया रहमान (तीनों प्रसूति एवं स्त्री रोग) शामिल हैं।
-सहायक प्राध्यापक पद पर प्रतीक्षा सूची में डॉ.देवेन्द्र कुमार प्रजापति, डॉ.नवीन गुप्ता, डॉ.अनुराग श्रीवास्तव (तीनों सर्जरी)
-प्रदर्शक कम स्टेटीशियन पद पर चयनित दुर्गेश शुक्ला पीएसएम और प्रतीक्षा सूची में नेहा मिश्रा पीएसएम शामिल हैं।