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अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही : खाली कराई जा रही ग्वालियर में सिरोल पहाड़ी, लोगों की आंख खुलने से पहले ही पहुंच गए अधिकारी

locationग्वालियरPublished: Jan 19, 2020 04:12:12 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

encroachment free drive run at sirol pahadi in gwalior : सुबह 6 बजे ही प्रशासनिक अमला सिरोल की पहाड़ी पर पहुंच गया था। हालांकी वहां रह रहे लोगों को पहले से ही घर खाली करने की जानकारी दे दी गई थी।

encroachment free drive run at sirol pahadi in gwalior

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ग्वालियर. बीती रात सिरोल पहाड़ी पर बसे लोगों को बेदखल करने में नाकाम रहें प्रशासन ने आज सुबह से ही मोर्चा संभाल लिया। एडीएम किशोर कान्याल, एसडीएम अनिल बनवारिया, तहसीलदार शिवानी पांडेय व सीएसपी निवेदिता नायडू के नेतृत्व में पांच थानों के करीब एक सैंकड़ा पुलिस कर्मी और एक दर्जन से ज्यादा आरआई व पटवारियों की मौजूदगी में सिरोल पहाड़ी पर अवैध रूप से रह रहें लोगों को मौके से हटाने की कार्रवाई शुरू की गई। खास बात ये रही कि रात में ही प्रशासन की मंशा को भांपने के बाद लोग भी विरोध किए बगैर आसानी से हटने को तैयार हो गए। प्रशाासन और पुलिस के अमले को देख लोगों ने अपना सामान बांधना शुरू कर दिया। सरकारी जमीन से बेदखल किए जा रहें इन लोगों को चार बसों के जरिए नगर निगम के आवास केंद्रो में शिफ्ट करने की कार्यवाही प्रशासन ने नि:शुल्क की। उल्लेखनीय है कि शनिवार की रात लगभग 10 बजे प्रशासन की टीम सिरोल पहाड़ी पंहुची थी, लेकिन रात होने के कारण लोगों ने हटने से साफ इंकार कर दिया था।

2.30 बजे तक 20 परिवार हुए शिफ्ट

सिरोल पहाडी से हटाकर उन्हे महलगांव स्थित नगर निगम के आवास में शिफ्ट करने की कार्रवाई की गई। इसके लिए तहसीलदार आरएन खरे व दो आरआई व पटवारियों की ड्यूटी लगाई गई। इस पूरी कार्रवाई के दौरान दोपहर 12 बजे तक 10 परिवारों को प्रशासन ने यहां शिफ्ट कराया। महलगांव में नगर निगम के करीब 200 आवास है। इनमे से सिर्फ आधा सैकड़ा ही बुक हुए है। लिहाज वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सिरोल से हटाए गए परिवारों को यहां शिफ्ट किया गया।

सामान हटते ही चली जेसीबी
सिरोल पहाड़ी पर बसे लोग जहां एक तरफ अपना सामान बांध रहें थे। वहीं दूसरी ओर उनके सामान को बसों में रखवाकर उन्हे नगर निगम के आवास में शिफ्ट करने की कार्रवाई की गई। इसके बाद पूरी तैयारी के साथ पंहुचे प्रशासन ने खाली हुए अवैध मकानों को तोड़ने की कार्रवाई की गई। नगर निगम की 5 जेसीबी के जरिए यहां बने मकानों को जमीदोंज कर दिया।

वाटर कैनन और पुलिस बल तैनात

प्रशासन को इस बात की शंका थी कि अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई का सिरोल पहाड़ी पर अवैध रूप से रह रहे लोग विरोध कर सकते है। लिहाजा ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल के साथ-साथ वाटर कैनन को भी मौके पर मुस्तैद किया गया।

अतिक्रमण हटाने इसलिए की जल्दबाजी
सिरोल पहाड़ी से वन क्षेत्र की भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के आदेश हाईकोर्ट ने प्रशासन को 28 जून 2019 को दिए थे। इस आदेश का पालन प्रतिवेदन 28 अगस्त 2019 को कलेक्टर द्वारा हाईकोर्ट में सौंपना था, लेकिन राजनीतिक लोगों के विरोध के कारण अतिक्रमण नही हटाया जा सका। लिहाजा शासन द्वारा इस मामले में समय लिया जा रहा था। हाईकोर्ट के आदेशानुसार इस मामले में प्रशासन को पालन प्रतिवेदन की रिपोर्ट कल 20 जनवरी को पेश करनी है। इसी कारण इतने दिन चुप बैठने के बाद प्रशासन द्वारा अतिक्रमण को हटाने के लिए एकाएक कार्रवाई की है।

वैकल्पिक है व्यवस्था
जिन 77 परिवारों को मौके से हटाया गया उन्हे नगर निगम के आवास में शिफ्ट किया गया है। इस कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद अधिकारियों से लोग बार-बार हाथ जोड़कर यही पूछते नजर आ रहे थे कि जहां ले जाया जा रहा है, वहां से भी तो हमें हटा नही दिया जाएगा? इस पर अधिकारियों ने यह व्यवस्था वैकल्पिक होने की बात कहते हुए सभी से अपने लिए घर तलाशने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा जो प्रधानमंत्री आवास योजना की शर्तों को पूरा करने की पात्रता रखता वह आवेदन कर सकेगा। इस पर अधिकारियों ने कोई स्पष्ट जवाब तो नही दिया, लेकिन लोगों को आश्वासन दिया कि प्रशासन को उनका ख्याल है। कुछ लोगों का कहना है कि उन्हे डोंगरपुर में रमऊआ डैम के पास उन्हे पट्टे दिए जाने की बात कही गई है, लेकिन वहां कोई इंतजाम नही है। ऐसे में वहां कैसे रहेंगे। हालांकि, अधिकारियों ने पट्टे दिए जाने को लेकर चल रही प्रकिया में डोंगरपुर का उल्लेख नहीं किया है। अधिकारियों का कहना है कि वैकल्पिक व्यवस्था करके सभी से महलगांव स्थित नगर निगम के आवास में जाने के लिए कहा गया है।

एक नजर में कार्रवाई
-सुबह 5 बजे: पुलिस अमला सिरोल पहाड़ी पर पहुंच गया था।
-सुबह 6 बजे: सामान ले जाने के लिए मौके पर चार बड़े ट्रक, 25 मंझोले लोडिंग वाहन और महिला और बच्चों को ले जाने के लिए चार बसें लगाई गई।
-विरोध-पथराव जैसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तीन पुलिस वैन के साथ एक वज्र भी तैनात किया गया।
– दो एम्बुलेंस, तीन नगर निगम के ट्रेक्टर, तीन डंपर, 2 वाटर कैनन मौके पर रही।
-अतिक्रमण हटाने 5 जेसीबी का इस्तेमाल किया गया।

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यह है पूरा मामला
उच्च न्यायालय ने वन क्षेत्र में किए गए अतिक्रमण को हटाए जाने के 28 जून 19 को आदेश दिए थे। इस आदेश का पालन कर कलेक्टर को 28 अगस्त 19 को न्यायालय में रिपोर्ट सौंपनी थी। इसके बाद लगातार इस मामले में शासन द्वारा समय लिया जा रहा था। न्यायालय द्वारा दिए अतिक्रमण हटाए जाने के आदेश के पालन में प्रशासन की टीम जब यहां पहुंची थी तब मुन्नालाल गोयल ने धरना देकर टीम को लौटने पर विवश कर दिया था। इसके बाद प्रशासन ने एक बार और प्रयास किए लेकिन इस बार भी मुन्नालाल गोयल समर्थकों के साथ कार्रवाई को रोकने के लिए आ गए थे। इस कारण दोनों बार यहां से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। बाद में इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील की गई। इस अपील पर गुरुवार को सुनवाई हुई।

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