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शमशाम घाट में अंतिम संस्कार मचा बवाल, अर्थी लिए घंटों किया इंतजार फेंसिग के तार काटे तब दे पाए मुखाग्नि

locationग्वालियरPublished: Dec 29, 2017 03:27:58 pm

Submitted by:

shyamendra parihar

शहर के आनंद नगर के लोगों को एक मृतात्मा के अंतिम संस्कार के लिए गुरुवार को तब भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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ग्वालियर/श्योपुर। शहर के आनंद नगर के लोगों को एक मृतात्मा के अंतिम संस्कार के लिए गुरुवार को तब भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जबकि मुक्तिधाम को खेत बनाकर उसकी तार फेंसिंग कर दिए से लोग उसमें प्रवेश ही नहीं कर पाए और शव को लेकर बाहर ही खड़े रहने को विवश बने रहे। घण्टेभर बाद जब साथ मौजूद दूसरे लोगों ने मुक्तिधाम की फेंसिग को काटा तब कहीं जाकर मृतात्मा का अंतिम संस्कार हो सका।

 

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दरअसल आनंद नगर ग्राम पंचायत बगवाज में आता है और वहां के लोग बगवाज पंचायत के मुक्तिधाम में ही अंतिम संस्कार करते हैं। मगर जिम्मेदार अफसरों की अनदेखी की वजह से उस पर कब्जा हो गया है और वर्तमान में भी एक व्यक्ति द्वारा उसकी फेंसिंग करके उसमें गेहूं की फसल बोई हुई है। जिस कारण से गुरुवार को जब आनंद नगर निवासी स्वामी शरण गुप्ता का निधन हो गया तो परिजन अंत्येष्टि के लिए उन्हें लेकर बगवाज पंचायत के मुक्तिधाम पर ही पहुंचे। मगर वहां पर गेहूं की फसल और उसकी फेंसिंग देखकर हतप्रभ रह गए और शव को कंधे पर लिए खड़े रहने को विवश हो गए।

 

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अंतिम यात्रा में मृतक के परिजनों के साथ गए लोगों ने जब इस दुविधा को देखा तो खुद के हाथों से फेंसिग खोलने का निर्णय लिया और जैसे तैसे कर हाथों से पत्थर के सहारे से उस फेंसिंग को हटाया। इसके बाद लोग मृत आत्मा को अंदर लेकर जा सके और उनका अंतिम संस्कार कर पाए।

पटवारी ने बनाया पंचनामा
मृतात्मा की अंतिम यात्रा में मौजूद लोगों ने इस परेशानी का देखने के बाद प्रशासनिक अफसरों को फोन लगाकर मामला बताया। जिसके बाद हल्का पटवारी मौके पर पहुंचा और उसके द्वारा लोगों की परेशानी को देखने के बाद उसका पंचनामा बनाया गया।

और जगह भी हैं यह हाल
जिले के कई मुक्तिधाम कब्जे में बने हुए हैं। जिनकी जानकारी भी अफसरों को है।मगर इसके बाद भी जिम्मेदार इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जबकि लोगों को इस कारण से भारी परेशानियों का सामना करने को विवश होना पड़ता है। वैसे भी जब जिला मुख्यालय सीमा के गांव के ही यह हाल हैं, तो सुदूर पंचायतों की स्थिति को वैसे ही समझा जा सकता है।


“मेरी संज्ञान में मामला आपके द्वारा लाया गया है। मैं अभी निर्देश जारी करता हूं कि मुक्तिधाम को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।”
पीएल सोलंकी, कलेक्टर, श्योपुर

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