रिटायर होने के बाद भी उन्होंने घर बैठकर आराम नहीं किया। ऐसा भी नहीं कि परिवार को समय नहीं देते हैं। उनका पूरा ख्याल रखते हैं, लेकिन उसमें से कुछ समय पर्यावरण के लिए भी निकालते हैं। कई जगह उनके लगाए पौधे वृक्ष बन चुके हैं। कई में फल भी आ रहे हैं। उन्होंने कर्मचारी आवास कॉलोनी के एक पार्क को गोद लिया है। पार्क की हालत इतनी ज्यादा खराब थी कि उसे देखकर हर कोई मुंह मोड़ लेता था, लेकिन गजेन्द्र और उनकी टीम ने मिलकर पार्क की गंदगी को हटाया, उसके बाद पौधरोपण किया। इससे पार्क हरा-भरा हो गया और कॉलोनी के लोग घूमने आने लगे हैं। अब चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है। परिवार के सदस्य भी उनकी काफी मदद करते हैं। सिर्फ एक पार्क ही नहीं, उन्हें जहां भी पता चलता है कि पौधे लगना हैं वहां पहुंच जाते हैं।
बच्चों की तरह करते पौधों की सेवा गजेन्द्र पार्क में लगे पौधों की बच्चों की तरह सेवा करते हैं। सुबह-शाम पानी देना नहीं भूलते। पौधों के आसपास गंदगी या घास होती है तो उसे भी साफ करते हैं।
युवाओं को संदेश पौधे जरूर लगाएं गजेन्द्र ने कहा कि देखते हैं कि वृक्ष काटे जा रहे हैं, इससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है, इसलिए युवा पीढ़ी से उनका कहना है कि जन्मदिन हो या अन्य कोई शुभ कार्य उन्हें पौधे जरूर लगाना चाहिए। अगर सभी लोग एक पौधा लगाने की सोच लें तो पर्यावरण को आसानी से बचा सकते हैं।