अफसर नहीं बना तो मुन्नाभाई बना इंजीनियर
ग्वालियरPublished: Jan 21, 2022 01:10:16 am
सीआरपीएफ में नौकरी का लिया था ठेकासॉल्वर बनकर देता परीक्षा, 5 हजार का था इनामदो साल से फरार था आरोपी, पकड़ा गया
अफसर नहीं बना तो मुन्नाभाई बना इंजीनियर
ग्वालियर। खुद अफसर नहीं बन सका तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका जालसाज मुन्नाभाई बन गया। उसने ५ लाख रू में सॉल्वर बनकर सरकारी नौकरी दिलावाने के लिए ठेके ले लिए। पेपर देने से पहले से 50 हजार रू टोकन वसूल कर दो प्रतियोगियों की जगह दो साल पहले सीआरपीएफ जवान की परीक्षा भी दी। लेकिन असली प्रतियोगी का फोटो और थंब इंप्रेशन मिस मैच होने पर फंस गया। ठेके देने वालों ने पुलिस गिरफ्त में आने पर उसका नाम पता पुलिस को बता दिया। गुरूवार को पुलिस उसे मुरेना से उठा लाई।
टिकटोली, मुरेना में नवाब सिंह कुशवाह का बेटा इंद्रजीत उर्फ योगेन्द्र सीआरपीएफ में ठेके पर नौकरी दिलाने के धंधे में गिरफ्तार हुआ है। इंद्रजीत ने दो साल पहले सीआरपीएफ में जवानों की भर्ती में चरण सिंह और विष्णु गौर की जगह सॉल्वर बनकर परीक्षा दी थी।चरण सिंह और विष्णु गौर दोनों मुरेना के रहने वाले हैं। उनसे इंद्रजीत ने5-5 लाख रू में सीआरपीएफ जवान बनाने का ठेका लिया था। परीक्षा से एक दिन पहले दोनों से ५०- ५० हजार रू एडवांस लिया था। चरण सिंह का परीक्षा केन्द्र भोपाल था तो वहां जाकर एक्जाम दिया। दूसरी खेप में विष्णु गौर की परीक्षा ग्वालियर में दी। परीक्षा केन्द्र पर इंद्रजीत का फोटो और थंब इंप्रेशन लिए गए। जब चरण सिंह और विष्णु गौर फिजीकल देने आए तो फार्म पर इंद्रजीत का फोटो और थंब इंप्रेशन था। उनका मिलान किया तो दोनों पकड़ गए।
बीई की पढ़ाई, अफसरी नहीं मिली
पुलिस गिरफ्त में इंद्रजीत ने खुलासा उसने बीइ की पढ़ाई की है। उसकी तमन्ना अफसर बनने की थी। इसलिए पीएससी की परीक्षा दी थीं। तमाम कोशिश की लेकिन उसमें नाकाम रहा। इसलिए मुरेना में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने की कोचिंग खोली। उसमें मेहनत ज्यादा पैसा कम मिला तो प्लान बनाया कि सॉल्वर बनकर प्रतियोगियों को पास कराने का धंधा मुनाफा देगा। छात्र पास होंगे तो कोचिंग भी जमकर चलेगी। चरण सिंह और विष्णु गौर दोनों उसकी कोचिंग के छात्र थे। दोनों सीआरपीएफ में नौकरी के लिए कोशिश कर रहे थे। दोनों से बात की। उन्हें भरोसा दिलाया कि उन्हें परीक्षा पास करने के लिए पढऩे की जरूरत नहीं है। ५ लाख रू खर्च करें तो उनकी जगह वह परीक्षा देकर पास कराएगा। वह सिर्फ फिजीकल की तैयारी करें। दोनों राजी हो गए तो वह उनका सॉल्वर बन गया।
५ हजार का इनाम, घर पर मिला
चरण सिंह और विष्णु गौर फिजीकल टेस्ट में पकड़ गए भनक लगने पर इंद्रजीत फरार हो गया। उसकी तलाश में कई बार दविश दी लेकिन नहीं मिला तो पुलिस ने उस पर 5 हजार का इनाम किया। बुधवार को पता चला इंद्रजीत टिकटौली में घर आया तो उसे दबोच लिया।
ठोक कर भर्ती कराने का भरोसा
फर्जीवाड़े में पकड़े गए विष्णु और चरण सिंह ने पुलिस को बताया था इंद्रजीत ठोककर कहता था वह जिस तरीके से नौकरी दिलवाएगा उसे कोई नहीं पकड़ सकता। बस वही करना पड़ेगा जैसा वह कहेगा। इसके अलावा भरोसेमंद दूसरे ऐसे छात्र भी ढूंंढकर लाने के लिए दवाब डालता जो बिना पढ़े प्रतियोगी परीक्षा पास करने के लिए राजी हों।