जानकारी के मुताबिक नाका चंद्रवदनी गली नं 4 में रहने वाले देवेंद्र पाठक के पुत्र विकास पाठक का शव सुबह के वक्त नाके के पास पटरियों पर मिला। वह सुबह 7 बजे घूमने जाने की बोलकर घर से निकला था। लेकिन काफी देर तक घर नहीं पहुंचा तो घरवालों ने उसकी तलाश शुरु की तभी कहीं से जानकारी मिली की रेलवे ट्रैक पर युवक की लाश मिली है। घरवालों ने जाकर देखा तो लाश विकास की निकली। घरवालों ने बताया कि विकास मानसिक रुप से परेशान भी चल रहा था। विकास ने जबलपुर के कॉलेज से इंजीनियरिंग की थी। वहीं से उसका कैंपस प्लेसमेंट भी हुआ। लेकिन जिस कंपनी में विकास का प्लेसमेंट हुआ था वहां से ज्वॉनिंग कॉल न आने के कारण वह परेशान हो गया और डिप्रैशन में चला गया। जिसका इलाज भी चल रहा था। विकास के पिता पुलिस विभाग में हैं। वे गोराघाट थाने में सिपाही हैं।रेलवे पुलिस का कार्यवाही के बाद झांसी रोड थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर शव पीएम के बाद परिजनों का सांैप दिया।
3 साल के चल रहा था इलाज
विकास ने रीवा के सैनिक स्कूल से अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की थी। उसके बाद इंजीनियरिंग के लिए जबलपुर के कॉलेज में गया था।