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फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने उद्यमी आगे आएं, सरकार दे रही जल्द मंजूरी

locationग्वालियरPublished: Mar 05, 2021 08:31:46 pm

Submitted by:

Narendra Kuiya

– मध्यप्रदेश में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के अवसर विषय पर शिखर सम्मेलन में बोले केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर

फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने उद्यमी आगे आएं, सरकार दे रही जल्द मंजूरी

फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने उद्यमी आगे आएं, सरकार दे रही जल्द मंजूरी

ग्वालियर. केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कृषि एवं पंचायतीराज व ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि ग्वालियर – चंबल अंचल प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना के लिहाज से अपार संभावनाओं वाला क्षेत्र है। इनका दोहन करके इस क्षेत्र के छोटे व मझौले किसानों की आर्थिक स्थिति को सशक्त किया जा सकता है। सरकार की फूड प्रोसेसिंग योजनाओं का लाभ उठाकर उद्यमी इस क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां (फूड प्रोसेसिंग यूनिट) लगाने के लिये आगे आएं। सरकार फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द मंजूरी दे रही है। तोमर ग्वालियर में हुए खाद्य प्रसंस्करण शिखर सम्मेलन को वर्चुअल रूप से संबोधित कर रहे थे। मध्यप्रदेश में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के अवसर और समावेशी विकास के लिये निर्माण साझेदारी विषय पर शुक्रवार को यहां सिटी सेंटर स्थित निजी होटल में हुए इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि आत्मनिर्भर पैकेज के तहत भारत सरकार फूड प्रोसेसिंग की 10 हजार छोटी इकाईयों की स्थापना में मदद देने का निर्णय लिया है। साथ ही कृषि अधोसंरचना पर भी सरकार एक लाख करोड़ रूपए खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि ग्वालियर-चंबल अंचल में गेहूं और धान का उत्पादन तो अच्छा होता ही है दलहन व तिलहन और विशेषकर सरसों के उत्पादन, प्रसंस्करण की भी अपार संभावनाएं हैं। मुरैना, भिण्ड और ग्वालियर में तिलहन प्रसंस्करण के कई उद्योग सुचारू रूप से चल रहे हैं, लेकिन अब इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है। यह खाद्य प्रसंस्करण सम्मेलन ग्वालियर एवं चंबल संभाग पर फोकस रहा। सम्मेलन में सरकार को व्यापार (बीटू जी), व्यापार से व्यापार (बीटू बी) बैठकें भी हुईं।

इन कंपनियों ने की शिरकत
केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, राज्य शासन, एसोचैम और इन्वेस्ट इंडिया की संयुक्त भागीदारी से आयोजित हुए इस शिखर सम्मेलन में विभिन्न फूड प्रोसेसिंग इकाईयों मसलन डाबर, पतंजलि, सांची, आनंद डेयरी व कोकोकोला सहित अन्य कंपनियों एवं फ्लिपकार्ड जैसी खुदरा व्यापार कंपनियों ने हिस्सा लिया। साथ ही खाद्य उत्पादक संगठन, स्व-सहायता समूह व पीएमएफएमई में पंजीकृत उद्यमियों ने अपनी-अपनी खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के उत्पादों की जानकारी और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया।
एक जिला एक उत्पाद में ग्वालियर का आलू चुना
प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि सरकार पांच साल में 10 हजार 500 फूड प्रोसेसिंग इकाईयां स्थापित करायेगी। इसमें से 262 इकाईयों को मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान ही मदद दी जायेगी। प्रदेश सरकार की केबिनेट ने हाल ही में फूड प्रोसेसिंग के लिये 500 करोड़ रूपए का अनुदान देने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार द्वारा एक जिला एक उत्पाद के तहत भी उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके तहत ग्वालियर जिले को आलू उत्पादन, शिवपुरी को टमाटर व श्योपुर को अमरूद के लिये चुना है। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध निदेशक जॉन किंग्सली ने कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे (चंबल एक्सप्रेस-वे) के दोनों ओर सरकार फूड प्रोसेसिंग इकाईयों की स्थापना में विशेष मदद देगी।
ये रहे मौजूद
खाद्य प्रसंस्करण शिखर सम्मेलन में भारत सरकार की खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की संयुक्त सचिव रीमा प्रकाश, जिला पंचायत प्रशासकीय समिति की अध्यक्ष मनीषा यादव, संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, कलेक्टर मुरैना बी.कार्तिकेयन, कलेक्टर श्योपुर राकेश श्रीवास्तव एवं जिला पंचायत ग्वालियर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी किशोर कान्याल आदि मौजूद थे।
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