विद्यालय में कॉपियां जांच रहे शिक्षकों ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं में अधिकतर विद्यार्थी ने नोट्स में सबसे अधिक कोरोना में पढ़ाई नहीं कर पाने, परिजन की मौत परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते कोचिंग नहीं लगा पाने से पढ़ाई नहीं कर पाने सहित अन्य कई कारण कॉपी में लिखे हैं। वहीं कई विद्यार्थियों ने शायरना अंदाज में बोर्ड परीक्षा में नंबर दिए जाने की बात भी कही है। उत्तर पुस्तिका में अधिकतर विद्यार्थियों ने भावनात्मक अपील शिक्षकों से की है। शिक्षकों का कहना है कि उत्तर पुस्तिका में इस प्रकार के नोट्स लिखने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। छात्रों ने जिस प्रश्न का उत्तर सही लिखा है और जैसा लिखा है उसी हिसाब से उसे नंबर दिए जा रहे हैं।
1.80 लाख कॉपियों की हो चुकी है जांच
पदमा विद्यालय में बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन सेंटर बनाया गया है जहां दूसरे जिले से कॉपी चेक होने के लिए आई है। विद्यालय में कॉपिया जांचने का कार्य 5 मार्च से शुरू हुआ जो 15 अप्रैल तक खत्म होगा। अभी पहले चरण में एक लाख 34 हजार कोपियों का मूल्यांकन हो चुका है. और दूसरे चरण के मूल्यांकन में 50 हजार से अधिक कॉपियों का मूल्यांकन हो चुका है। पद्मा विद्यालय में कुल तीन लाख कॉपिया जांची जाना है। इसमें से अब तक 250 लाख कॉपी का मूल्यांकन हो चुका है। मूल्यांकन प्रभारी अशोक श्रीवास्तव का कहना है कि 10 अप्रैल तक मूल्यांकन का कार्य पूरा कर दिया जाएगा।