जहां कहीं भी फैमिली की याद आती या नर्वस होती, तो अपना गोल याद कर फिर से लक्ष्य की ओर बढ़ जाती। मैंने छह माह की इस ट्रेनिंग के दौरान कभी भी अपने आपको टीम से अलग नहीं समझा।
ग्वालियर•Jul 21, 2019 / 07:18 pm•
Avdhesh Shrivastava
सिंगल वुमन होने के बाद भी अपना बेस्ट दिया