script101 डिग्री फीवर में भी नहीं थमे हाथ, 20 दिन तक तीन घंटे सोकर पूरा किया लार्ज पेंटिंग बनाने का सपना | Even in 101 degree fever, the dream of making a large painting was ful | Patrika News

101 डिग्री फीवर में भी नहीं थमे हाथ, 20 दिन तक तीन घंटे सोकर पूरा किया लार्ज पेंटिंग बनाने का सपना

locationग्वालियरPublished: Aug 03, 2021 10:46:37 am

Submitted by:

Mahesh Gupta

पेंटिंग में अपने नाम कर चुके कई स्टेट और नेशनल अवॉर्ड

101 डिग्री फीवर में भी नहीं थमे हाथ, 20 दिन तक तीन घंटे सोकर पूरा किया लार्ज पेंटिंग बनाने का सपना

101 डिग्री फीवर में भी नहीं थमे हाथ, 20 दिन तक तीन घंटे सोकर पूरा किया लार्ज पेंटिंग बनाने का सपना

ग्वालियर.

सपने उन्हीं के पूरे होते हैं, जिनके अंदर जिद होती है। यही जिद ग्वालियर के दुष्यंत सिंह भदौरिया ने पाल रखी थी। उन्होंने गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाने 20 दिन तक बोर्ड पिन से कैनवास पर एक बड़ी कलाकृति बनाई। इस दौरान उन्हें 101 डिग्री फीवर भी आया। पिन लगाते-लगाते हाथों ने भी काम करना भी बंद कर दिया था। इस बीच उन्होंने चार दिन तक एमएससी के एग्जाम भी दिए, लेकिन हौसला कम नहीं होने दिया। हर दिन पेंटिंग पूरा करने का सपना लिए 17 से 18 घंटे बैठे और अंत में सफलता पा ली। इसके अलावा भी उन्होंने पेंटिंग में कई एचीवमेंट अपने नाम किए हैं।

3 दिन का था लक्ष्य, 20 दिन लग गए
दुष्यंत ने बताया कि मुझे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाना है। इसके लिए मैंने बोर्ड पिन से पेंटिंग बनाने की सोची। मैंने लक्ष्य तीन दिन का रखा था, लेकिन तीन दिन में मैं कुछ भी नहीं कर पाया। देखकर थोड़ा डिमोटिवेट हुआ, लेकिन जिद थी, पूरी कलाकृति बनाने की। मैंने हौसला रखा और साथियों के मोटिवेशन से लक्ष्य को 20 दिन में पूरा कर पाया।

एग्जाम सेंटर से निकलते और पेंटिंग बनाने जुट जाते
मैंने 12 जुलाई से पेंटिंग बनाने की शुरुआत की थी। 27 जुलाई से मेरे एमएससी सेकंड सेमेस्टर के पेपर थे। मैंने सोचा था कि 15 जुलाई तक पेंटिंग पूरी हो जाएगी। इसके बाद मैं पेपर की तैयारी करूंगा, लेकिन वह नहीं हो सका। इस दौरान मैंने जो पहले पढ़ा था, उसी बेस पर एग्जाम दिए। लेकिन पेंटिंग को अधूरा नहीं छोड़ा।

पेंटिंग में स्टेट और नेशनल अवॉर्ड किए जेयू के नाम
दुष्यंत ने बताया कि मैं पिछले छह साल से पेंटिंग कर रहा हूं। मैंने यूथ फेस्टिवल में कई स्टेट और नेशनल अवॉर्ड भी जीवाजी यूनिवर्सिटी के नाम किए हैं। पेंटिंग में हमेशा कुछ अलग करना चाहता था। लॉकडाउन पीरियड में यह आइडिया आया। जनवरी में मैंने गिनीज बुक और इंडिया बुक के लिए आवेदन किया था, अप्रैल में गिनीज बुक से अप्रूवल आ गया और मैंने 12 जुलाई से कैनवास पर वर्क शुरू कर दिया।

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