जब पुण्य का उदय हो तब ही कर लो साधना
अधिकांश देखा जाता है कि जब व्यक्ति के पुण्य का उदय आता है तो उसे आत्मसाधना विचार नहीं आ पाता, उसे लगता है कि उसके पास समय की बहुत कमी है और जैसे ही दु:खों का पहाड़ टूटता है तो भगवान और भक्ति सब याद आने लगती है। अरे भैया पुुण्य के उदय में पुण्य नहीं कमाओगे तो अपने खुद का कल्याण कब करोगे। मात्र रूपया पैसा, जमीन जायदाद, सोना चांदी को ही सुख मत मानो, यह तुम्हें भले ही सुख जैसे दिखते हों लेकिन यही सुख होते हो भगवान महावीर स्वामी यह सब छोडकऱ जंगल में क्यों जाते। आत्मा का सच्चा सुख तो आत्म साधना होता है।
अधिकांश देखा जाता है कि जब व्यक्ति के पुण्य का उदय आता है तो उसे आत्मसाधना विचार नहीं आ पाता, उसे लगता है कि उसके पास समय की बहुत कमी है और जैसे ही दु:खों का पहाड़ टूटता है तो भगवान और भक्ति सब याद आने लगती है। अरे भैया पुुण्य के उदय में पुण्य नहीं कमाओगे तो अपने खुद का कल्याण कब करोगे। मात्र रूपया पैसा, जमीन जायदाद, सोना चांदी को ही सुख मत मानो, यह तुम्हें भले ही सुख जैसे दिखते हों लेकिन यही सुख होते हो भगवान महावीर स्वामी यह सब छोडकऱ जंगल में क्यों जाते। आत्मा का सच्चा सुख तो आत्म साधना होता है।
आठ दिवसीय सिद्वचक्रमहामंडल विधान 7 जुलााई से
जैन समाज के प्रवक्ता ललित जैन एवं चातुर्मास कमेटी के मुख्य संयोजक पुरुषोत्तम जैन ने बताया कि आर्यिका विशुद्वमति माताजी एवं आर्यिका विज्ञमति माताजी के सानिध्य में 7 से 14 जुलाई तक आठ दिवसीय सिद्वचक्र महामंडल विधान के प्रारंभ में गुरूवार को सुबह 7 बजे से चम्पाबाग धर्मशाला से गाजे बाजों के साथ घटयात्रा निकाली जायेगी।
जैन समाज के प्रवक्ता ललित जैन एवं चातुर्मास कमेटी के मुख्य संयोजक पुरुषोत्तम जैन ने बताया कि आर्यिका विशुद्वमति माताजी एवं आर्यिका विज्ञमति माताजी के सानिध्य में 7 से 14 जुलाई तक आठ दिवसीय सिद्वचक्र महामंडल विधान के प्रारंभ में गुरूवार को सुबह 7 बजे से चम्पाबाग धर्मशाला से गाजे बाजों के साथ घटयात्रा निकाली जायेगी।