ग्वालियर. हर नवजात शिशु के लिए अपनी मां का ब्रेस्ट फ ीड करना बेहद आवश्यक है। इस पूर्ति के लिए सिर्फ मां का ही गंभीरता से सोचना काफ ी नहीं है, ये हम सभी की भी जिम्मेदारी है कि हम मां को ऐसा वातावरण और पर्याप्त समय उपलब्ध करवाएं ताकि वो उसे ब्रेस्ट फ ीडिंग करवा सके। खासकर जॉब करने वाली महिलाओं को ये समस्या आती है। इसलिए जरूरी है कि जहां भी महिलाएं काम करती हैं, उन आफि सों में हाइजेनिक, बैठने की बेहतर व्यवस्था के साथ एक लैक्टिक मदर कॉनर्र जरूर हो। मां और शिशु के लिए ब्रेस्ट फ ीडिंग को अधिकार मान समाजिक सहयोग के लिए प्रेरित कर रही थीं जीआरएमसी की प्रो डॉ रंजना तिवारी, जो ‘राइट ऑफ लेक्टेटिंग मदर’ पर स्टूडेंट्स को जानकारी दे रही थीं। वे आईटीएम यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित वल्र्ड ब्रेस्ट फ ीडिंग वीक के कार्यक्रम में स्पीकर के रूप में मौजूद थी। पोस्टर प्रजेंटेशन एंड क्विज कॉम्पीटिशन : कार्यक्रम के दौरान नर्सिंग स्टूडेंट्स ने भी न्यूट्रीशियन नीड ऑफ चिल्ड्रन विषय पर सेमिनार हुआ। इसके अलावा पोस्टर प्रजेंटेशन, फ्लोर डेकोरेशन, क्विज कॉम्पीटिशन, हेल्थ चेकअप कैंप भी आयोजित किया गया। आखिर में स्टूडेंट्स को पुरस्कार वितरित किए गए। आईटीएम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स की डायरेक्टर डॉ मीनाक्षी मुजुमदार, स्कूल ऑफ नर्सिंग साइंस की डीन प्रो मिनी अनिल, असि प्रो अम्बाली पंचोली सहित नर्सिंग फैकल्टीज व स्टूडेंट्स उपस्थित रहे।