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एग्जीबिशन में सीनियर आॢटस्ट का बेहतरीन कलेक्शन

locationग्वालियरPublished: Feb 17, 2020 07:37:50 pm

Submitted by:

Harish kushwah

वरिष्ठ कला विज्ञ समिति ग्वालियर की ओर से तीन दिवसीय रंग शिल्प एग्जीबिशन का शुभारंभ रविवार को किया गया। इस दिन यह प्रदर्शनी कलागुरु एलएस राजपूत, मदन भटनागर, विश्वमित्र वासवाणी, दुर्गा प्रसाद शर्मा, चन्द्रेश सक्सेना की स्मृति में आयोजित की गई।

एग्जीबिशन में सीनियर आॢटस्ट का बेहतरीन कलेक्शन

एग्जीबिशन में सीनियर आॢटस्ट का बेहतरीन कलेक्शन

ग्वालियर. वरिष्ठ कला विज्ञ समिति ग्वालियर की ओर से तीन दिवसीय रंग शिल्प एग्जीबिशन का शुभारंभ रविवार को किया गया। इस दिन यह प्रदर्शनी कलागुरु एलएस राजपूत, मदन भटनागर, विश्वमित्र वासवाणी, दुर्गा प्रसाद शर्मा, चन्द्रेश सक्सेना की स्मृति में आयोजित की गई। 18 फरवरी तक चलने वाली इस एग्जीबिशन में सीनियर आर्टिस्ट स्नेहलता यादव, केपी श्रीवास्तव, आरएन शंखवार, अलका धवन, आलोक शर्मा, दीर्घा खंडालकर, देवेन्द्र जैन, धृतिवर्धन गुप्त, नीति चौधरी, प्रकाश वत्ती, शोभा सक्सेना, रणजीत शिंदे की पेंटिंग शामिल की गई हैं, जिसे आप सुबह 11 से रात 8 बजे तक देख सकते हैं।
टाइटल- बेहट

रंजीत शिंदे

अकबर के नौ रत्नों में से एक सम्राट तानसेन से सभी परिचित हैं। उनका जन्म ग्वालियर से लगभग 40 किमी. दूर बेहट में हुआ था। बेहट में स्थित शिव मंदिर और तानसेन का बहुत गहरा रिश्ता है। इसी मंदिर को आर्टिस्ट ने अपनी पेंटिंग में उकेरा है। इसे तैयार करने में एक माह का समय लगा।
टाइटल- ग्रामीण

शोभा सक्सेना

आर्टिस्ट ने इस पेंटिंग को मिट्टी, गोबर और वुडन के छोटे पीस से तैयार किया है। इसमें ग्रामीण परिवेश दिखाया गया है। उनके दिन से लेकर रात तक के काम को एक ही जगह पर दिखाने का प्रयास किया गया है। आर्टिस्ट नेशनल अवॉर्डी हैं व बच्चों को फ्री एजुकेशन देती हैं।
टाइटल- कोल्ड हीट

आलोक शर्मा

आज व्यक्ति बाहर से कूल है, लेकिन उसके अंदर बहुत कुछ चल रहा होता है। अधिक पैसा कमाने की चाह में उसके अंदर एक ही समय में ढेरों चीजों चल रही हैं, जिसे कलाकार ने पेंटिंग में दिखाने का प्रयास किया है। इसमें ऊपर कोल्ड और अंदर हीट को दिखाया है।
टाइटल- दांडी यात्रा

अल्का धवन

महात्मा गांधी के जीवन से सभी परिचित हैं। उनकी सादगी और देश के प्रति समर्पण किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने 1930 में दांडी मार्च की शुरुआत कस्तूरबा आश्रम से की थी, जो अंग्रेजों द्वारा नमक में कर लगाने के विरोध पर थी। इसे अल्का ने अपनी पेंटिंग के माध्यम से दिखाया है।
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