scriptएक्सपोर्ट के लिए निर्यातकों को 6 माह से नहीं मिल रहे पर्याप्त कंटेनर | Exporters are not getting enough containers for export for 6 months | Patrika News

एक्सपोर्ट के लिए निर्यातकों को 6 माह से नहीं मिल रहे पर्याप्त कंटेनर

locationग्वालियरPublished: Jul 24, 2021 08:15:18 am

Submitted by:

Narendra Kuiya

– कंटेनर्स की किल्लत : चीन मोटी रकम देकर मंगा रहा खाली कंटेनर, यहां के उद्यमी हो रहे परेशान

ग्वालियर. एक ओर कोरोना संक्रमण की मार झेल रहे निर्यातक उद्यमी इन दिनों कंटेनर की कमी से खासे परेशान हैं। कंटेनर नहीं होने के कारण पिछले 6 महीनों से निर्यात पर भी असर देखने को मिल रहा है। बताया जाता है कि निर्यात उद्योग क्षेत्र में पड़ोसी देश चीन अपना एकाधिकार स्थापित करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है। चीन से विश्व के अन्य देशों को निर्यात में जबरदस्त उछाल आ रहा है। नतीजतन चीन में खाली कंटेनरों की जबरदस्त मांग है। इससे विश्व के कई देश अपने देशों से निर्यात के लिए खाली कंटेनर्स की चुनौती का सामना कर रहे हैं। चीन ने शिपिंग कंपनियों को भारी-भरकम प्रीमियम का भुगतान कर खाली कंटेनर अपने यहां मंगवा लिए हैं। ग्वालियर शहर से सेंड स्टोन पत्थर सहित मारबल बिनायल, मिल्क प्रोडक्ट आदि का निर्यात होता है। कंटेनर की कमी के चलते सभी उत्पादों को भेजने में दिक्कत हो रही है। इन दिनों हालात यह हैं कि यदि निर्यातक शिपिंग कंपनी से खाली कंटेनर मंगाता है तो उसे दोगुना किराया देना पड़ रहा है। विश्व में आठ से दस कंपनियां कंटेनर मुहैया कराती हैं।

महीने भर में 50 फीसदी कम हुआ निर्यात
घरेलू स्तर पर कंटेनरों की किल्लत है, निर्यातकों को कंटेनर के लिए दस दिन से दो माह तक का इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं बंदरगाह पर कई निर्यातकों का माल फंसा पड़ा है जिसके लिए उन्हें पेनल्टी भी देनी पड़ रही है। यही कारण है कि पिछले एक माह में ग्वालियर से दूसरे देशों को भेजा जाने वाला सेंड स्टोन पत्थर में 50 फीसदी की गिरावट है। निर्यातकों का दावा है कि यदि कंटेनरों की किल्लत न होती तो निर्यात में गिरावट के बजाए करीब 25 फीसदी की वृद्धि होती।
ट्रांसपोर्ट सब्सिडी दी जाए
ग्वालियर से हर माह करीब 300 से 500 कंटेनर में माल निर्यात होता है, अभी सिर्फ 150-200 कंटेनर ही मिल पा रहे हैं। अभी तक निर्यातकों को इंटरेस्ट सब्सिडी दी जाती रही है, ऐसे समय में ट्रांसपोर्ट सब्सिडी भी दी जानी चाहिए।
– सत्यप्रकाश शुक्ला, अध्यक्ष, स्टोन पार्क इंडस्ट्रीज ऐसोसिएशन
नहीं भेज पा रहे माल
कंटेनरों की किल्लत को मैनेज करने में दिक्कत आ रही है। सरकार से घरेलू स्तर पर कंटेनरों की उपलब्धता बढ़ाने का आग्रह है। कंटेनर नहीं होने से अधिकांश निर्यातक अपना माल नहीं भेज पा रहे हैं।
– बलबीर त्रिपाठी, पत्थर निर्यातक उद्यमी
निर्यात होने से ही मिलेगी विदेशी करेंसी
ये बात सही है कि पिछले कुछ महीनों में कंटेनरों की कमी से निर्यात उद्यम पर असर पड़ा है। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। निर्यात होने से ही विदेशी करेंसी आएगी। पिछले कुछ समय से कंटेनर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
– संतोष कुमार गुप्ता, मैनेजर, कस्टम हाउस एजेंट

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