एक्सपर्ट के अनुसार 10वीं व 12वीं कक्षा के कमजोर बच्चों के लिए विशेष तौर पर ये कक्षाएं आयोजित होंगी। सुबह संचालित होने वाले स्कूलों में स्कूल खत्म होने के बाद और शाम को चलने वाले स्कूलों में पहले ही यह कक्षाएं चलाई जाएंगी। एक अधिकारी के मुताबिक अतिरिक्त कक्षाओं के लिए अभिभावकों से मंजूरी लेने की जिम्मेदारी क्लास टीचर की होगी। वहींए अतिरिक्त कक्षा में पढ़ाए जाने वाले विषयों का निर्धारण स्कूल प्रमुख करेंगे। अतिरिक्त कक्षा के बाद बच्चों को होमवर्क भी दिया जाएगा। साथ ही कक्षा में बच्चों के प्रतिदिन का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। सरकार की तरफ से कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान देने के लिए यह योजना बनाई गई है। स्कूल प्रमुखों को निदेज़्श दिया गया है कि वे प्रत्येक कमजोर बच्चे की निगरानी के लिए शिक्षक की जिम्मेदारी तय करें।
थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल पर होगा फोकस पढ़ाई में थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल पर जोर दिया जायेगा। इसमें हाल में घटी साइबर से जुड़े केस स्टडी पर जोर दिया जायेगा। बोर्ड के नोटिफिकेशन की मानें तो इसके लिए विशेष कक्षाएं हर सप्ताह आयोजित की जाएंगी।