मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत 29 दिसंबर को हो गई थी। इसमें अभी तक लगभग 20 कार्यक्रम हो चुके हैं। इनमें से अभी अधिकतर लोगों को चेक नहीं मिल पाया है। आलम अब ये है कि परफॉर्मेंस वाले दिन भी कलाकार को इस शर्त पर मंच दिया जा रहा है कि वे पैसे की मांग न करें। जबकि उन कलाकारों के नाम पहले से कैलेंडर में छपे हैं।
प्रोफाइल मजबूत करने का झांसा देकर अपनी जेब भरने का प्लान
आर्टिस्ट्स के अनुसार कार्यक्रम संयोजक ने हमसे फॉर्म में अधिक एमाउंट भरने को कहा, और बोले की जब चेक मिल जाए, तो आधा एमाउंट मुझे दे देना। आर्टिस्ट ने जब उनसे पूछा कि ऐसा क्यों, तो संयोजक का कहना था कि अधिक एमाउंट भरने से तुम्हारी प्रोफाइल मजबूत होगी और अगले साल तुम्हें अधिक एमाउंट का प्रोग्राम मिल सकेगा।
13 दिन चक्कर कटवाने के बाद दे रहे आधा एमाउंट
देशभर में परफॉर्म कर चुकी शहर की सौम्या मिश्रा ने बताया कि मेरी कथक सोलो परफॉर्मेंस 4 जनवरी को थी। 25 दिसंबर को जब मैं मेला ऑफिस फाइल लगाने पहुंची, तब मुझे 25 हजार रुपए में कार्यक्रम करने को कहा गया। मैंने लिखित में मांगा, तो यह कहकर मना कर दिया कि आपका नाम कार्ड में छप जाएगा। परफॉर्मेंस देने के बाद मैं 5 जनवरी से चक्कर लगा रही हूं और अब 15 हजार देने की बात कह रहे हैं। इसीलिए मैंने मेला प्रबंधन से चेक नहीं लिया। कलाकार की इज्जत पैसा नहीं है, बल्कि हमारा सम्मान है, जो हमें मेला प्रबंधन नहीं दे पा रहा।
मुंह देखकर कलाकारों को दे रहे एमाउंट
भरतनाट्यम नृत्यांगना गीतांजलि श्रीवास्तव ने बताया कि मैंने 26 दिसंबर को अप्लाई किया था। तब कार्यक्रम संयोजक ने कहा कि हम इस बार किसी को कोई एमाउंट नहीं दे रहे, केवल स्टेज दे रहे हैं। यह सुनकर मैंने कार्यक्रम करने की डन कर दी थी, लेकिन जब मुझसे अन्य कलाकार मिले और उन्होंने प्रबंधन की ओर से मिलने वाला एमाउंट बताया, तो मैं दंग रह गई और मैंने भी एमाउंट की बात की, तो उन्होंने मना कर दिया। 13 जनवरी को मेरा प्रोग्राम था, मैं मेले पहुंची जरूर, लेकिन परफॉर्म नहीं किया। मेला प्रबंधन कलाकारों के साथ भेदभाव कर रहा है, जो कि उचित नहीं है। किसी को हाथ खोलकर दे रहा है और किसी को ठेंगा दिखा रहा है।
पांच दिन पहले निरस्त कर दिया मेरा एक लाख का एमाउंट
कुसुमाकर रंगमंच में टैलेंट ऑफ इंडिया कार्यक्रम 12 जनवरी को हुआ। आइडीटी इवेंट मैनेजमेंट के ऑनर सोनू धौलकर ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए मैंने डेढ़ लाख रुपए खर्च अप्लाई किया था, जिसमें से मेला प्रबंधन ने एक लाख रुपए देने की बात की और 50 हजार का कहीं और से इंतजाम कराने की बात कही। इवेंट के 5 दिन पहले उन्होंने एक भी रुपए देने से मना कर दिया। वे बोले कि ऑडिट में पैसा निरस्त हो गया है, क्योंकि लास्ट ईयर अपने खुद मेला प्रबंधन को पैसा दिया था। इस तरह उन्होंने मुझे अभी तक कोई पैसा नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि इस इवेंट में टीवी स्टार करन मेहरा और मॉडल नैना छावड़ा ग्वालियर आए थे।
पिछले नौ दिन से लगा रही चक्कर
किंजल सरकार की मां रेनू सरकार ने बताया कि मेरी बेटी किंजल की कथक परफॉर्मेंस 4 जनवरी को थी। इसके लिए मैंने 12 हजार एमाउंट भरा था। मेला प्रबंधन ने 10 हजार देने का डन किया था। तब से अब तक मैं कई बार ऑफिस के चक्कर लगा चुकी, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। गत दिवस की मुलाकात में उन्होंने कहा कि आपका पेमेंट सेक्शन हो गया है, जल्द ही मिल जाएगा।
वर्जन
कलाकारों को चेक देने में थोड़ा लेट हो गए। दो से तीन दिन में सभी को चेक दे दिया जाएगा। सभी के साथ भेदभाव जैसी स्थिति नहीं बनी है। हां कुछ लोगों को जरूर परफॉर्मेंस का पैसा नहीं दिया गया, लेकिन मंच पर प्रस्तुति देना भी बड़ी बात है।
प्रशांत गंगवाल, अध्यक्ष, मेला प्राधिकरण
व्यस्तता के कारण ऑडिट में देरी हुई, जिस कारण चेक नहीं पहुंच पाए। दो दिन में सभी कलाकारों के एकाउंट में पैसे पहुंच जाएंगे। जो कलाकार एमाउंट कम देने की बात कर रहे हैं, वह झूठी है। जिस रेट पर कार्यक्रम तय हुआ, वही एमाउंट उन्हें दिया जाएगा।
नवीन परांडे, कार्यक्रम संयोजक