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बलात्कार के केस में पहली बार पुरूष नहीं महिला को मिली सजा, ग्वालियर कोर्ट ने सुनाया फैसला

locationग्वालियरPublished: Aug 19, 2018 12:06:07 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

बलात्कार के केस में पहली बार पुरूष नहीं महिला को मिली सजा, ग्वालियर कोर्ट ने सुनाया फैसला

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बलात्कार के केस में पहली बार पुरूष नहीं महिला को मिली सजा, ग्वालियर कोर्ट ने सुनाया फैसला

ग्वालियर। दुष्कर्म के झूठे आरोप लगाकर शासन से क्षतिपूर्ति राशि लेने के बाद अपने बयान से ही पलट जाने के मामलों को उच्च न्यायालय ने गंभीरता से लिया है। ऐसे तीन मामलों में उच्च न्यायालय ने आरोपियों को जमानत पर रिहा किए जाने के आदेश दिए हैं वहीं राज्य शासन को आदेश दिया है कि वह अनुसूचित जाति की कथित पीडि़ता को जो क्षतिपूर्ति राशि दी है उसे वापस प्राप्त करने के कार्रवाई कर युवती के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे। क्षतिपूर्ति राशि की वसूली तथा की गई कानूनी कार्रवाई की रिपोर्ट तीन माह में उच्च न्यायालय के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के समक्ष प्रस्तुत करे।

न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल द्वारा दिए तीन महत्वपूर्ण आदेशों में एक एट्रोसिटीज एक्ट से जुड़ा है जबकि दूसरा पॉक्सो एक्ट व तीसरा मामला भी दुष्कर्म का है। आरोपी लाखन के मामले में न्यायालय ने कहा कि झूठी रिपोर्ट लिखाने वाली अभियोक्त्री के खिलाफ शासन कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।

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झूठी रिपोर्ट पर 3 अप्रैल से बंद है आरोपी
लाखन के खिलाफ युवती द्वारा नरवर थाने में भादसं की धारा 376, 457 व 506 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को 3 अप्रैल 18 को गिरफ्तार कर लिया आरोपी तभी जेल में बंद था। आरोपी की ओर से तीसरा जमानत आवेदन प्रस्तुत कर कहा दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली युवती ने कोर्ट में आरोपों को नकार दिया। हाईकोर्ट ने आरोपी को सशर्त जमानत पर रिहा किए जाने के आदेश दिए। मामले में युवती को शासन द्वारा क्षतिपूर्ति के रूप में तीन लाख रुपए दिए थे जिस पर न्यायलय ने स राशि को वसूलने को कहा।
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मजिस्ट्रेट के सामने बदल दिए बयान
दूसरे मामले में आरोपी बीरबल सिंह के खिलाफ एक नाबालिग बालिका द्वारा थाना अंबाह जिला मुरैना में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था। आरोपी को पुलिस ने 17 मार्च 18 को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की ओर से उच्च न्यायालय में जमानत आवेदन में कहा, पहले जिस घटना के आधार पर उसने एफआईआर कराई थी, उसमें मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 161 के तहत बयान दिए लेकिन बाद पलट गई। मामले में आरोपी को तो अदालत ने जमानत दे दी लेकिन लड़की को झूठे बयान पर कानून के अनुसार कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए।

पॉक्सो एक्ट के मामले में भी कार्रवाई के आदेश
तीसरे मामले में एक नाबालिग बालिका द्वारा आरोपी राजेश के खिलाफ भादसं की धारा 363, 366, 376 तथा पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था। मौ पुलिस ने आरोपी राजेश को 14 जून 17 को गिरफ्तार किया था। आरोपी की ओर से उसके अधिवक्ता द्वारा उच्च न्यायालय में चौथा आवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि अभियोक्त्री कोर्ट में अपने बयान बदल चुकी है। इस मामले में पीडिता द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई एवं धारा 161 व 164 के बयान दिए गए हैं उस पर सवाल उठाते हुए न्यायालय ने इस मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

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