पूर्व पीएम वाजपेई की यादों से रूबरू होने पीएम मोदी जाएंगे अटल जी की नगरी
बीते 6 दिसंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में हुए हंगामे के बाद पुलिस ने मौके से जिन दो किसानों को पकड़कर पहले बदरवास थाने और फिर कोलारस जेल भेज दिया। दो दिन बाद जमानत पर छूटकर आए वीरेंद्र ने बताया कि मेरे नाम 17 बीघा जमीन है, जिसमें से अब मात्र दो बीघा बची है। यह मुझे तब पता चला, जब मेरी जमीन की नकल मेरे घर पर आई। वीरेंद्र ने बताया कि सर्वे नंबर 1288 को कल्याण सिंह, अमोल सिंह के नाम कर दी गई। मेरे नाम की सर्वे नंबर 1487/3(क) भी मेरे नाम पर थी, लेकिन पटवारी ने उक्त तीनों नंबर बदल दिए हैं।
मेरे पास सर्वे नंबर 1312/1 की जमीन बची है। मेरी जमीन वर्ष 24 मई 2012 से मध्य भारत ग्रामीण बैंक में केसीसी लोन में बंधक है, इसके बावजूद भी मेरी जमीन अन्य किसी के नाम कर दी गई। मैंने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा 181 पर भी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। 181 पर वीरेंद्र की शिकायत 5065123 नंबर पर है।
पीडि़त किसान ने यह सुनाई आपबीती
वीरेंद्र ने बताया कि मैं शिकायत का आवेदन लेकर सीएम की सभा में आया तो वहां गोंदरी का वीरेंद्र मिल गया और उसने कहा कि मैं तुम्हारा आवेदन सीएम तक पहुंचा दूंगा। इसी बीच पीछे से तेज धक्का आया और मैं आगे की तरफ गया तो पुलिस ने मुझे हवा में ही झुलाते हुए लाठी से पीटा, फिर मुझे बदरवास थाने ले गए और रात भर मुझे थाने में रखा।
सुबह सूचना मिलने पर मेरा भाई व अन्य लोग बदरवास थाने जमानत देने आ गए। वे लोग थाने पर बैठे रह गए और मुझे पुलिस की गाड़ी से बायपास होते हुए कोलारस एसडीएम के पास ले गए। एसडीएम ने पूछा कि तुम्हारे जमानतदार कहां हैं, तो मैंने बताया कि वो तो थाने में ही बैठे रह गए, मुझे पुलिस यहां ले आई। उन्होंने मुझे जेल भेज दिया। रात भर जेल में रहने के बाद आज बाहर निकल कर आया हूं।