scriptबोवनी करने गए किसान को खेत पर आया अटैक, मौत | farmer dead attack in field at sheopur | Patrika News

बोवनी करने गए किसान को खेत पर आया अटैक, मौत

locationग्वालियरPublished: Jul 12, 2019 04:01:57 pm

Submitted by:

monu sahu

बोवनी करने गए किसान को खेत पर आया अटैक

farmar dead

बोवनी करने गए किसान को खेत पर आया अटैक, मौत

ग्वालियर। श्योपुर जिले के मानपुर क्षेत्र के ग्राम जैनी में गुरुवार को किसान की हार्टअटैक से मौत हो गई। किसान को अटैक खेत पर तब आया,जब वह सोयाबीन की फसल की बोवनी करने के लिए खेत पर गया था। ग्रामीणों के मुताबिक ग्राम जैनी निवासी लखन (44) पुत्र घनश्याम मीणा गुरुवार को अपने खेत पर सोयाबीन की बोवनी करने के लिए गया था। जहां उसने ट्रैक्टर से सोयाबीन की बोवनी करा दी।
इसे भी पढ़ें : चार दोस्तों ने युवती से दोस्ती कर की घिनौनी हरकत, बैंगलुरु से आने के बाद बताई सच्चाई

इसी दौरान उसे खेत पर अचानक सीने में दर्द हुआ और कुछ देर बाद ही लखन की मौत हो गई। परिजनों सहित आस-पड़ोस के लोग उसे नजदीक अस्पताल भी लेकर पहुंचे। मगर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लखन की मौत से गांव में शोक व्याप्त हो गया है। वहीं उसके परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। लखन अपने परिवार का मुखिया था। उस पर ही घर की पूरी जिम्मेदारी थी। उसके एक बेटा और एक बेटी है।
इसे भी पढ़ें : परिजन सोते रहे कमरे में, चोर चार घरों की दीवारों में छेद कर ले गए लाखों रुपए


बीते एक माह में हो गए एक हजार नई बोरिंग
जिले में बीते एक दशक से ट्यूबवेल से खेतों में सिंचाई का चलन बढ़ा है। यही वजह है कि वर्तमान में लगभग 20 हजार के आसपास निजी ट्यूबवेल हैं और ये आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। अभी बीते एक माह में ही जिले में लगभग एक हजार नए बोर खनन हुए हैं, जिसमें से छह सैकड़ा तो अकेले श्योपुर विकासखंड में ही है। कई इलाके तो ऐसे हैं जहां 50 से 100 मीटर की दूरी के बीच ही ट्यूबवेल हैं।
इसे भी पढ़ें : छह साल पहले पति पर हमला, अब पत्नी-बेटे की कर दी हत्या, विरोध में बाजार बंद

धान की फसल श्योपुर के लिए होगी घातक
जिले में अल्पवर्षा की स्थितियों के बावजूद धान का रकबा लगातार बढ़ता जा रहा है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक धान की फसल उस क्षेत्र में होनी चाहिए जहां न्यूनतम औसत बारिश 1000 मिमी हो, लेकिन इसके उलट श्योपुर की औसत बारिश 822 मिमी और कई बार तो बारिश का आंकड़ा इस औसत से भी नीचे रहते हैं। बावजूद इसके श्योपुर जिले में धान का रकबा 30 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो