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इटावा में डकैतों के साथ १९७८ मुठभेड में शहीद हुए स्व मेहताब सिंह चौहान के सुपुत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट बीपीएस चौहान ने एमजेएस कॉलेज भिंड से एलएलबी किया और यहीं रहकर सिविल जज परीक्षा की तैयारी की। सिविल जज बनने के बाद उन्होंने तय किया कि अब एडीजे बनना है। बस इसके बाद वे इसकी तैयारी में लग गए।
इटावा में डकैतों के साथ १९७८ मुठभेड में शहीद हुए स्व मेहताब सिंह चौहान के सुपुत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट बीपीएस चौहान ने एमजेएस कॉलेज भिंड से एलएलबी किया और यहीं रहकर सिविल जज परीक्षा की तैयारी की। सिविल जज बनने के बाद उन्होंने तय किया कि अब एडीजे बनना है। बस इसके बाद वे इसकी तैयारी में लग गए।
यह खबर भी पढ़ें: बच्चों से भरी स्कूल वैन पलटी, 12 स्टूडेंट और दो बाइक सवार घायल न्यायिक कार्य, पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ ही पढ़ाई कर उन्होंने यह सफलता हासिल की। चौहान का कहना है कि पिता के निधन के बाद उनके बड़े भाई जयपाल सिंह चौहान ने उन्हें पुत्र की तरह पढ़ाया और आगे बढ़ाया। वे गोहद भिंड में कोर्ट मुंशी है। उन्होंने बताया कि सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मनीष शर्मा ने उन्हें पढ़ाया, वे ही उनके गुरु हैं। उन्होंने बताया कि मुझे सुबह तीन बजे से ही पढऩे का समय मिलता था। नौ बजे तक सिर्फ पढ़ाई कुछ नहीं होता था।
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किसान पिता अभिलाख शर्मा एवं माता मुन्नी देवी शर्मा के पुत्र विश्वनाथ शर्मा २१ वीं रेंक प्राप्त कर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बने हैं। वर्ष 2002 में एमजेएस कॉलेज भिंड से एलएलबी करने के बाद वर्ष २००९ में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के पद पर चुने गए। इससे पहले उन्होंने मेहगांव में वकालत की। उन्होंने प्रथम प्रयास में ही एडीजे चयन परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। शर्मा ने बताया कि इसके लिए विषयवार एवं नियमित अध्ययन जरूरी है।
किसान पिता अभिलाख शर्मा एवं माता मुन्नी देवी शर्मा के पुत्र विश्वनाथ शर्मा २१ वीं रेंक प्राप्त कर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बने हैं। वर्ष 2002 में एमजेएस कॉलेज भिंड से एलएलबी करने के बाद वर्ष २००९ में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के पद पर चुने गए। इससे पहले उन्होंने मेहगांव में वकालत की। उन्होंने प्रथम प्रयास में ही एडीजे चयन परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। शर्मा ने बताया कि इसके लिए विषयवार एवं नियमित अध्ययन जरूरी है।
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एडीजे की मेरिट लिस्ट में पांचवां स्थान प्राप्त करने वाले उमेश शर्मा २०१० पहले सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के पद पर चुने गए। इसके बाद उन्होंने सिविल जज के लिए परीक्षा दी तो इसमें भी चयन हो गया। फिर उन्होंने एडीजे २०१७ की परीक्षा दी तो इसमें वे प्रदेश में पांचवे स्थान पर आए हैं।
एडीजे की मेरिट लिस्ट में पांचवां स्थान प्राप्त करने वाले उमेश शर्मा २०१० पहले सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के पद पर चुने गए। इसके बाद उन्होंने सिविल जज के लिए परीक्षा दी तो इसमें भी चयन हो गया। फिर उन्होंने एडीजे २०१७ की परीक्षा दी तो इसमें वे प्रदेश में पांचवे स्थान पर आए हैं।
यह खबर भी पढ़ें: घर में घुस कर सोते युवक को मारी गोली,पत्नी से कहा अब तो बचा लो एमजेएस भिंड कॉलेज के वे एेसे प्रथम छात्र है जिन्होंने एक-एक कर यह तीन सफलताएं प्राप्त की हैं। उनके पिता विश्वेश्वर दयाल शर्मा शिक्षक रहे हैं तथा माता श्रीमंती शर्मा हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के आशीर्वाद एवं गुरुओं के मार्गदर्शन को देते हैं।
यह खबर भी पढ़ें: दबंग द्वारा जमीन जोतने की शिकायत लेकर थाने पहुंचा किसान, TI ने डांटा फिर मारा चांटा,आहत होकर खाया जहर जिला अभियोजन कार्यालय में जिला अभियोजन अधिकारी अब्दुल नसीम, गोपाल सिंह सिकरवार, अभिषेक सिरोठिया सहित अन्य अधिकारियों ने एडीजे पद पर चयनित उमेश शर्मा, विश्वनाथ शर्मा तथा बीपीएस चौहान का अभिनंदन किया।