क्लास इलेवन से चुना कराते
निधि ने बताया कि मुझे क्लास सिक्स से गेम्स में इंट्रेस्ट था। पहले मैं सभी गेम खेलती थी, लेकिन क्लास इलेवन में मैंने कराते को चुना और उसकी क्लास लेने की शुरुआत की। क्लास लेकर घर आते-आते रात हो जाती। इस पर मुझे अपने मम्मी पापा को मनाना पड़ता। पहले मैं 4 किमी दूर जाती तो कई सवाल-जवाब होते थे, लेकिन आज मैं अपनी टीम को 400 किमी दूर चैंपियनशिप में लेकर जाती हूं और पापा गर्व से भेजते हैं।
बेटियों को घर की चाहरदीवारी से निकाला
निधि ने न सिर्फ अपना कॅरियर बनाया, बल्कि अन्य बेटियों को भी पढ़ाई व खेल के लिए घर से निकाला। उनके माता-पिता को कन्वेंस किया। फ्रेंड दीपशिखा थर्ड स्टैंडर्ड से साथ थी। उनके माता-पिता उसे 10वीं के बाद नहीं पढ़ा रहे थे। इस पर निधि ने उन्हें समझाया। आज दीपशिखा ग्रेजुएशन के बाद पीजी की तैयारी कर रही है। उसने भी कराते सीखे हैं।
संभाग के कस्तूरबा गांधी हॉस्टल के छात्रों को कर चुकीं ट्रेंड
निधि इंटरनेशनल प्लेयर है। वह ग्वालियर चम्बल संभाग स्थित कस्तूरबा गांधी हॉस्टल में रहने वाले बच्चों को ट्रेंड करती हैं। अभी तक वह मोहना, बड़ागांव, मोहनगढ़, हस्तिनापुर, उटीला आदि में ट्रेनिंग दे चुकी हैं।