ग्वालियर

कोरोना का डर: बुखार-खांसी की दवाओं का टोटा, विटामिन-सी की गोली की भी मारामारी

कोरोना का डर लगातार जोर पकड़ रहा है। अभी तक तो कोरोना संक्रमण के इलाज में जरूरी कहे जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी सामने…

ग्वालियरApr 19, 2021 / 06:00 pm

रिज़वान खान

कोरोना का डर: बुखार-खांसी की दवाओं का टोटा, विटामिन-सी की गोली की भी मारामारी

ग्वालियर. कोरोना का डर लगातार जोर पकड़ रहा है। अभी तक तो कोरोना संक्रमण के इलाज में जरूरी कहे जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी सामने आ रही थी। अब बुखार, खांसी, जुकाम और संक्रमण से जूझने के लिए विटामिन की गोलियोंं का भी टोटा हो गया है। इन दवाओं की डिमांड बढऩे पर मेडिकल स्टोर्स पर इनको खरीदने वालों की गिनती लगातार बढ़ रही है। ऐसे में दवाओं की किल्लत हो गई है तो जिनके पास दवाएं हैं वह उसे दर्ज मूल्य से ज्यादा कीमत पर बेच रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा डिमांड विटामिन की गोली है। महाराज बाड़े पर मेडिकल कारोबारी ने बताया, इस गोली की डिमांड कोरोना की पहली लहर में ज्यादा थी। दूसरी लहर ने जोर पकड़ा तो लेागों ने इस गोली के थोक में पत्ते खरीद लिए। खरीदारों का कहना था कि जब तक संक्रमण का दौर चलेगा तब पूरे परिवार को रोज एक गोली देंगे। इस परिपाटी ने गोली का टोटा कर दिया। अब आलम यह है कि हर दूसरा ग्राहक इस गोली की डिमांड कर रहा है। इसलिए इसकी भी कालाबाजारी हो रही है। आमतौर पर गोली का पत्ता करीब 18 रुपए में मिलता था, लेकिन अब 40 रुपए और उससे ज्यादा की कीमत पर बिक रहा है। लोग इस रेट में भी उसे खरीद रहे हैं।
इन दवाओं का टोटा
पेरासीटामोल, किरोसिन, डैरीफाइलीन, जिंक टेबलेट, विटामिन सी और विटामिन डी की गोलियां, एंटी एलर्जिक दवाएं, कफ सीरफ की डिमांड ज्यादा है।

मेडिकल स्टोर संचालक से पूछकर ले रहे दवाएं
मेडिकल कारोबारी ने कहा, इन दिनों बुखार और खांसी की दवाओं की डिमांड भी ज्यादा है। हल्के बुखार और खांसी पर मरीज चिकित्सक के पास जाने से बच रहे हैं। पहले अपने स्तर पर ही घर में उसका इलाज करते हैं। क्योंकि उन्हें खुटका होता है कि डाक्टर के पास चेकअप के लिए जाएंगे तो वह कोरोना जांच के लिए कहेंगे। ऐसे मेंं रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आ जाए। इसलिए लोग अपने और मेडिकल स्टोर कारोबारियों से पूछकर खांसी, जुकाम और बुखार की दवाएं ले रहे हैं। आमतौर पर हल्की खांसी और जुकाम को नजर अंदाज किया जाता था लेकिन इन दिनों खांसी का हल्का ठसका आने पर भी लोग कफ सीरप या टेबलेट मांग रहे हैं तो उनकी डिमांड काफी बढ़ी है। इन दवाओं का भी टोटा हो गया।
अपने स्तर पर इलाज ठीक नहीं
चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की जांच से बचने के लिए लोग अपने स्तर पर इलाज करते हैं। यह गलत है। इन दवाओं के सेवन से हो सकता है कि बुखार और खांसी कुछ समय के लिए दब जाए। लेकिन अगर संक्रमण हुआ तो वह अंदर ही अंदर और फैलेगा। वह ज्यादा गंभीर हो सकता है। इसलिए बुखार, खांसी और जुकाम होने पर घबराए नहीं बल्कि चिकित्सक से चेकअप कराए। यह जरूरी नहीं है कि बुखार, खांसी और जुकाम है तो कोरोना ही होगा है। मौसम के असर भी यह बीमारियां हो सकती हैं।

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