इन दवाओं का टोटा
पेरासीटामोल, किरोसिन, डैरीफाइलीन, जिंक टेबलेट, विटामिन सी और विटामिन डी की गोलियां, एंटी एलर्जिक दवाएं, कफ सीरफ की डिमांड ज्यादा है। मेडिकल स्टोर संचालक से पूछकर ले रहे दवाएं
मेडिकल कारोबारी ने कहा, इन दिनों बुखार और खांसी की दवाओं की डिमांड भी ज्यादा है। हल्के बुखार और खांसी पर मरीज चिकित्सक के पास जाने से बच रहे हैं। पहले अपने स्तर पर ही घर में उसका इलाज करते हैं। क्योंकि उन्हें खुटका होता है कि डाक्टर के पास चेकअप के लिए जाएंगे तो वह कोरोना जांच के लिए कहेंगे। ऐसे मेंं रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आ जाए। इसलिए लोग अपने और मेडिकल स्टोर कारोबारियों से पूछकर खांसी, जुकाम और बुखार की दवाएं ले रहे हैं। आमतौर पर हल्की खांसी और जुकाम को नजर अंदाज किया जाता था लेकिन इन दिनों खांसी का हल्का ठसका आने पर भी लोग कफ सीरप या टेबलेट मांग रहे हैं तो उनकी डिमांड काफी बढ़ी है। इन दवाओं का भी टोटा हो गया।
पेरासीटामोल, किरोसिन, डैरीफाइलीन, जिंक टेबलेट, विटामिन सी और विटामिन डी की गोलियां, एंटी एलर्जिक दवाएं, कफ सीरफ की डिमांड ज्यादा है। मेडिकल स्टोर संचालक से पूछकर ले रहे दवाएं
मेडिकल कारोबारी ने कहा, इन दिनों बुखार और खांसी की दवाओं की डिमांड भी ज्यादा है। हल्के बुखार और खांसी पर मरीज चिकित्सक के पास जाने से बच रहे हैं। पहले अपने स्तर पर ही घर में उसका इलाज करते हैं। क्योंकि उन्हें खुटका होता है कि डाक्टर के पास चेकअप के लिए जाएंगे तो वह कोरोना जांच के लिए कहेंगे। ऐसे मेंं रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आ जाए। इसलिए लोग अपने और मेडिकल स्टोर कारोबारियों से पूछकर खांसी, जुकाम और बुखार की दवाएं ले रहे हैं। आमतौर पर हल्की खांसी और जुकाम को नजर अंदाज किया जाता था लेकिन इन दिनों खांसी का हल्का ठसका आने पर भी लोग कफ सीरप या टेबलेट मांग रहे हैं तो उनकी डिमांड काफी बढ़ी है। इन दवाओं का भी टोटा हो गया।
अपने स्तर पर इलाज ठीक नहीं
चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की जांच से बचने के लिए लोग अपने स्तर पर इलाज करते हैं। यह गलत है। इन दवाओं के सेवन से हो सकता है कि बुखार और खांसी कुछ समय के लिए दब जाए। लेकिन अगर संक्रमण हुआ तो वह अंदर ही अंदर और फैलेगा। वह ज्यादा गंभीर हो सकता है। इसलिए बुखार, खांसी और जुकाम होने पर घबराए नहीं बल्कि चिकित्सक से चेकअप कराए। यह जरूरी नहीं है कि बुखार, खांसी और जुकाम है तो कोरोना ही होगा है। मौसम के असर भी यह बीमारियां हो सकती हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की जांच से बचने के लिए लोग अपने स्तर पर इलाज करते हैं। यह गलत है। इन दवाओं के सेवन से हो सकता है कि बुखार और खांसी कुछ समय के लिए दब जाए। लेकिन अगर संक्रमण हुआ तो वह अंदर ही अंदर और फैलेगा। वह ज्यादा गंभीर हो सकता है। इसलिए बुखार, खांसी और जुकाम होने पर घबराए नहीं बल्कि चिकित्सक से चेकअप कराए। यह जरूरी नहीं है कि बुखार, खांसी और जुकाम है तो कोरोना ही होगा है। मौसम के असर भी यह बीमारियां हो सकती हैं।