लगातार खनन से खत्म हो गए वन क्षेत्र के वृक्ष
माफिया द्वारा लगातार किए जा रहे खनन से इस इलाके में एक भी पेड़ नहीं बचा है। महज झाडिय़ां नजर आ रही हैं। खनन से 70 से 80 फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं। बावजूद इसके न तो वन विभाग ङ्क्षचतित नजर आ रहा है, न ही खनिज विभाग कोई कार्रवाई कर रहा है।
मुख्य मार्ग पर माफिया के लोग करते हैं निगरानी
पहाड़ी क्षेत्र में मुख्य मार्ग पर माफिया के लोग निगरानी करते हैं। यह लोग पुलिस, वन अमला एवं खनिज विभाग की टीम के आने पर पहाड़ पर खनन कर रहे माफिया को अलर्ट कर देते हैं। ऐसे में यदि टीम मौके पर पहुंच भी जाए तो उसे न तो माफिया मिलेगा, न ही पहाड़ खोदने के लिए उपयोग की जा रही मशीनें।
लोगों की मानें तो खनन से पथरीली धूल हवा के साथ लोगों की सांसों के जरिए शरीर में पहुंच रही है। इससे गांव के लोग अस्थमा तथा अन्य बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। प्रमोद कुमार ने बताया कि वर्तमान में गांव के चार लोग सांस की बीमारी से जूझ रहे हैं। पहाड़ों के पास बसे गांवों में भी लोग बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
सीधी बात… बृजेंद्र श्रीवास्तव, डीएफओ
दिखवा लेते हैं, कड़ी कार्रवाई की जाएगी आपके क्षेत्र में पत्थर खनन हो रहा है ?
कौन से क्षेत्र के बारे में बता रहे हैं आप लौंदूपुरा, तिलावली, आंतरी, डांडा, खिरका आदि गांवों के पास पहाड़ों पर ?
ऐसे देखने से अंदाजा नहीं लग पाएगा, उक्त क्षेत्र का अलग नंबर है, फिर भी हम टीम भेजेंगे।
पेट्रोङ्क्षलग भी कराई जा रही है, आपने बताया है तो उसे दिखवा लेते हैं। अभयारण्य में खनन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।