श्योपुर व शिवपुरी में फिर गिरे
ग्वालियरPublished: Mar 21, 2023 11:21:55 pm
श्योपुर में गेहूं, धनिया, चना और सरसों व शिवपुरी में गेहूं और धनिया की फसल को नुकसान हुआ है।
श्योपुर व शिवपुरी में फिर गिरे
श्योपुर/शिवपुरी. अंचल में ओलावृष्टि थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार फिर श्योपुर व शिवपुरी जिले के कई गांवों में फिर ओले गिरे। इससे श्योपुर में गेहूं, धनिया, चना और सरसों व शिवपुरी में गेहूं और धनिया की फसल को नुकसान हुआ है।
सात से ज्यादा गांवों में नुकसान
श्योपुर: बड़ौदा और श्योपुर तहसील के फतेहपुर, शाहपुर, राजौरा, ऊतनवाड, हिरनीखेड़ा, नयागांव, ढोंढपुर, अलापुरा, मेखडाहेड़ी सहित अन्य गांवों में सोमवार की रात हुई ओलावृष्टि से गेहूं, धनिया, चना और सरसों की फसलों में नुकसान पहुंचा है। करीब तीन किलोमीटर की परिधि में लगभग 50 किलोमीटर की पूरी पट्टी में बारिश और ओलों का असर दिख रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान राजौरा, ढोंढपुर, नयागांव में हुआ है। किसानों का कहना है कि गेहूं के पौधे खड़े रह गए हैं और बालियों से दाने झड़ गए। कुछ जगह धनिया और सरसों की कटी रखी फसल भी खराब हुई है। क्षेत्र में सर्वे करने के लिए कृषि, राजस्व, पंचायत के कर्मचारियों को शामिल कर सर्वे दल भेजे गए हैं। बीमा कंपनी के प्रतिनिधि भी क्षेत्र में घूमकर नुकसान का जायजा ले रहे हैं।
बदरवास के 10 ग्रामों में गिरे ओले
शिवपुरी: जिले की बदरवास तहसील के आधा दर्जन ग्रामों में बीती रात ओले गिरने से 500 बीघा फसलों को कहीं कम तो कहीं अधिक नुकसान हुआ है। इनमें ग्राम सींगाखेड़ी, अलाउदी, वारोद, बिजरौनी, घुरबार, बारई, एजवारा, रामपुरी, सालोन, अगरा में ओले व बारिश से खेत में खड़ी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।
अन्नदाता के सामने बहन-बेटियों के हाथ पीले करने का संकट
बसई. दतिया, चार दिन पहले बसई क्षेत्र में हुई भीषण ओलावृष्टि से अन्नदाता बर्बाद हो गया है। अब ऐसे किसानों के सामने बहन- बेटियों का विवाह करने का संकट खड़ा हो गया जिनके हाल ही में शादी होने वाली थी । कर्जदार तो पहले से ही थे। अब या तो उन्हें और कर्ज लेना पड़ेगा या फिर शादी की तिथि बढ़ानी होगी।
बसई क्षेत्र में 4 दिन पहले 23 गांव में भयंकर ओले पड़े थे। 11 हजार से ज्यादा किसान प्रभावित हुए। खेतों में खड़ी गेहूं व जवा व अन्य फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। भले ही शासन -प्रशासन ने आश्वासन दिया, लेकिन किसानों के सामने बड़ा संकट जिन्हें आगामी कुछ हफ्तों में बहन- बेटियों की शादी करना है।ऐसे किसान बेहद तनाव में हैं। उन्हें कुछ भी नहीं सूझ रहा।