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घंटों लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिल रही खाद

locationग्वालियरPublished: Oct 09, 2021 12:01:27 am

Submitted by:

Vikash Tripathi

महज 10 फीसद हो पाई सरसों की बोवनी

घंटों लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिल रही खाद

घंटों लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिल रही खाद

भिण्ड. जिले में कुल 2.75 लाख हेक्टेयर रकबा में करीब 1.40 लाख हेक्टेयर रकबा सरसों फसल का है। जबकि गेहूं, मसूर, चना के लिए 1.30 लाख हेक्टेयर रकबा है। फिलहाल एक लाख 40 हजार हेक्टेयर में से महज 10 फीसद जमीन में ही सरसों की बोवनी हो पाई है। शेष जमीन खाद के अभाव में खाली पड़ी है। जिससे किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैंं।
15 अक्टूबर तक है अनुकूल समय
बतादें कि किसानों के लिए 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक सरसों की बोवनी का अनुकूल समय है। इसके बाद यदि सात से 10 दिन का बोवनी में विलंब हुआ तो सरसों का उत्पादन 15 से 20 फीसद कम होने के आसार प्रबल हो जाएंगे। दरअसल मौसम के अनुसार सरसों फसल पकती है। विलंब से बोवनी होने पर गर्मी के चलते सरसों समय से पहले पकना शुरू हो जाएगी जिससे उसकी फली में दाना कमजोर होगा।
यदि पर्याप्त खाद मिला भी तो ट्रैक्टरों का पड़ेगा टोटा
उल्लेखनीय है कि सरसों की बोवनी के लिए 15 अक्टूबर तक का माकूल समय फिलहाल 7 दिन शेष है। जबकि 08 अक्टूबर तक महज 10 फीसद जमीन पर बोवनी हो पाई है। ऐसे में शेष 90 फीसद जमीन के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद बचे हुए सात दिनों में मुहैया हो पाना मुश्किल प्रतीत हो रहा है। किसी तरह यदि प्रशासन किसानों को खाद मुहैया करा भी दे तो किसानों को एक साथ बोवनी कार्य के लिए ट्रैक्टरों का संकट उत्पन्न होगा। लिहाजा फसल का विलंब होना तय है। सितंबर के आखरी पखवाड़े तक खाद मुहैया हो जाना था जो 08 अक्टूबर तक भी वितरित नहीं कराया जा सका है। सरसों की फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद अभी तक नहीं मिल पाया है ऐसे में गेहूं, चना, मसूर की फसल के लिए किसानों को कब पाएगा इसका अंदाजा स्वत: ही लगाया जा सकता है।

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