घूसखोर अफसर, दो इंजीनियर समेत पांच पर फाइल चोरी का केस
नगर निगम ग्वालियर में भवन निर्माण शाखा से तीन फाइल गुम : वर्मा, दो उपयंत्री, समयपाल और लिपिक ने किया गुमराह

ग्वालियर . पांच लाख की रिश्वत लेते धराए नगर निगम के अधिकारी प्रदीप वर्मा पर भवन निर्माण शाखा के रिकॉर्ड से गायब फाइलों की चोरी में फंस गए हैैं। इन फाइलों को गायब करने में दो उपयंत्री राजीव सोनी, वेदप्रकाश निरंजन समेत समयपाल बृजेंद्र सिंह कुशवाह और भवन शाखा लिपिक सतीशचंद्र गोयल को भी शामिल माना गया है। इन पांचों के खिलाफ धारा 380 के तहत एफआइआर की गई है।
विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने बताया कि करीब दो साल पहले लोकायुक्त में बिरला अस्पताल, सालासर भवन और होटल लैंडमार्क के निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत हुई थी। इसकी जानकारी भवन निर्माण अनुमति शाखा के तत्कालीन प्रभारी प्रदीप वर्मा को भी थी। लोकायुक्त ने प्रकरण दर्ज कर दो साल जांच की। इसमें नगर निगम से भवन निर्र्माण की अनुमति का रिकॉर्ड, मूल नक्शे सहित तमाम जानकारी मांगी गई, लेकिन उन्होंने कभी लोकायुक्त को ब्यौरा नहीं दिया। कार्रवाई का दबाव पडऩे पर फाइल गुम होने का हवाला दिया।
भवन निर्माण में गड़बड़ी, वर्मा की भूमिका की जांच
लोकायुक्त भवन निर्र्माण के इन मामलों में वर्मा की भूमिका की जांच भी कर रही थी। इसलिए भवन शाखा से तीनों निर्माण का ब्यौरा मांगा जा रहा था। लोकायुक्त की शिकायत पर विश्वविद्यालय पुलिस ने नगरनिगम कमिश्नर को पत्र लिखकर पूछा था कि तीनों फाइलें किन अधिकारियों की निगरानी में थी। फाइलें कहां हैं? सोमवार को इस मामले में नगरनिगम को लोकायुक्त के सामने जवाब भी पेश करना था। उससे ठीक 48 घंटे पहले नगरनिगम ने पुलिस को बताया कि फाइलें नहीं मिल रही हैं।
जवाब पेश करने से पहले एफआईआर
पुलिस के मुताबिक नगरनिगम को खत लिखकर कहा गया था बिरला अस्पताल की प्रकरण क्रमांक 482/8/3/3, सालासर भवन प्रकरण क्रमांक 178/6/3/3 और होटल लैंडमार्क के प्रकरण क्रमांक प्रकरण क्रमांक 10/18/1105 से जुडे. दस्तावेज किस अधिकारी की अभिरक्षा में हैं। वह जानकारी मुहैया कराई जाए। लोकायुक्त में पेश होने से पहले निगम प्रशासन ने पुलिस को इस बारे में बताया है।
- बिरला अस्पताल का प्रकरण उपयंत्री राजीव सोनी के पास है। लेकिन फाइल के बारे में उनका कहना है उस समय उनकी नियुक्ति क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक 9 पर 2011 में थी। तत्कालीन आयुक्त के आदेश पर भवन शाखा के संबंधित रिकार्ड संधरित करने का दायित्व संबंधित क्षेत्र के समयपाल को सौंपा गया था। उस वक्त गीतांजली श्रीवास्तव और राजेश भदौरिया समय पाल थे। अब गीतांजली श्रीवास्तव सेवा में नही हैं और राजेश भदौरिया क्षेत्र क्रमांक 9 पर पदस्थ हैं।
- सालासर भवन का प्रकरण उपयंत्री वेदप्रकाश निरजंन के पास रहा है। लेकिन उनका कहना था कि प्रकरण तत्कालीन समयपाल बृजेन्द्र सिंह कुशवाह को दे दिया था। 9 मई को बृजेन्द्र को उस प्रकरण को मुहैया कराने के लिए खत लिखा था। कुशवाह ने 13 मई को जवाब दिया भवन शाखा का रिकॉर्ड उपयंत्री के पास ही रहता है। इस प्रकरण के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता।
- होटल लैंडमार्क के मामले में सतीश चंद्र गोयल लिपिक तत्कालीन भवन शाखा ने बताया प्रकरण प्रदीप वर्मा को दिया गया। जबकि प्रदीप वर्मा का कहना था कि प्रकरण मुझे दिया गया है तो उसकी पावती उन्हें मुहैया कराई जाए।
इन बिदुओं पर जांच
क्या भवन निर्माण शाखा से फाइलें लोकायुक्त की जांच से बचने के लिए गायब की गई हैं?
लोकायुक्त प्रदीप वर्मा के शिकायत पर जांच कर रही थी इसलिए सांठगांठ से फाइल गायब की गईं?
क्या फाइलें सामने आने पर प्रदीप वर्मा के खिलाफ शिकायत की पुष्टि हो सकती थी?
नगरनिगम के अधिकारी नहीं बता पाए कि उनके यहां भवन अनुमति शाखा से रिकॉर्ड कहां गया, लेकिन यह माना है कि प्रकरण से जुड़े दस्तावेज रिकॉर्ड शाखा में नही हैं, इसलिए जिन अधिकारियों की अभिरक्षा में थे उनके पास ही माने जाएं।
रामनरेश यादव, टीआइ
विश्वविद्यालय थाना
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