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पांच समितियों पर होगी एफआईआर, एक गृह निर्माण समिति संचालक पर होगी जिला बदर की कार्रवाई

locationग्वालियरPublished: Feb 06, 2020 01:05:47 pm

Submitted by:

Dharmendra Trivedi

 
-दागी गृह निर्माण समितियों के गेट के बाहर बोर्ड पर लिखा जाएगा इन पर हुई है एफआईआर

- FIR will be written on the board outside the gate of the fire house construction committees.

FIR on five committees, district Badar to act on a home building committee operator

ग्वालियर। शहर में आवासीय क्षेत्र विकसित करने वाली रॉयल, शिवशंकर,सर्वहारा, यशोदा और शिव सारिका गृह निर्माण समितियों द्वारा प्लॉट आवंटन सहित अन्य गड़बडिय़ां किए जाने की बात सामने आने पर एफआईआर कराई जाएगी। जबकि दि ग्वालियर गृह निर्माण समिति के संचालक बलदेव भदौरिया पर जिला बदर की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही समितियों द्वारा विकसित कॉलोनियों के बाहर बोर्ड लगाकर लिखा जाएगा कि इन पर एफआईआर हो चुकी है। यह निर्देश कलेक्टर अनुराग चौधरी ने बुधवार की शाम हुई बैठक में अधिकारियों को दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने जीडीए और नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के न पहुंचने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि हर बार बदल-बदलकर ऐसे चेहरे नजर आते हैं, जिनको जानकारी तक नहीं होती। अगली बार से अगर वरिष्ठ अधिकारी पूरी जानकारी के साथ नहीं आए तो अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। इसके अलावा कलेक्टर ने जीडीए से गायब हुई 26 फाइलों के मामले में जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं। बैठक में कलेक्टर के अलावा अपर कलेक्टर टीएन सिंह, अनूप कुमार सिंह, रिंकेश वैश्य सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

यह पूछा कलेक्टर ने

-कलेक्टर ने बैठक में मौजूद सहकारिता और जीडीए के अधिकारियों से पूछा कि गृह निर्माण समितियों में किन-किन बिंदुओं पर जांच की जा रही है। इस पर जीडीए के अधिकारी चुप्पी साध गए। जबकि सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि समितियों की अंकेक्षण रिपोर्ट, ले आउट, कोर्ट केस और एक परिवार को एक से अधिक प्लॉट तो आवंटित नहीं किए गए हैं, सहित अन्य बिंदुओं पर जांच की जाती है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर समितियों ने वर्ष 2017-18 का ऑडिट नहीं दी है।

जीडीए के अधिकारी संदेह के दायरे में
-बैठक में जब जीडीए से गायब हुई 24 संस्थाओं से संंबंधित 26 फाइलों को लेकर कलेक्टर ने पूछा तो मीटिंग में पहुंचे सब इंजीनियर और आरआई जवाब नहीं दे पाए। इस पर कलेक्टर ने कहा कि हर बार ऐसे नए चेहरे भेजे जाते हैं, जिनको कुछ जानकारी नहीं होती। आपके सीईओ कहां हैं, इस पर जीडीए कर्मियों ने बताया कि वे ओरछा गए हैं। इसके बाद कलेक्टर ने जीडीए के अधीक्षण यंत्री को बुलवाया, वे भी सही जवाब नहीं दे सके। इसके बाद कलेक्टर ने पूछा कि जीडीए में जब रिकॉर्ड ही नहीं है तो प्लॉटों का अंतरण कैसे हुआ है? सबसे ज्यादा जीडीए अधिकारी ही जांच के दायरे में हैं। इसके बाद जब बैठक में पहुंचे नगर निगम के सिटी प्लानर से पूछा कि आपके यहां क्या कार्रवाई चल रही है तो वे भी चुप्पी साध गए। इस पर कलेक्टर ने जमकर लताड़ लगाते हुए कहा है कि अगली बार से बैठक में पूरी जानकारी के साथ वरिष्ठ अधिकारी ही आएं।

जिम्मेदारों पर कराओ एफआईआर
कलेक्टर ने ग्वालियर विकास प्राधिकरण से 24 संस्थाओं की 26 फाइलों के बारे में भी जानकारी ली है। इस पर अधिकारियों ने फाइलों के गायब होने की बात कही तो उन्होंने जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही यह भी जानकारी लगी है कि प्राधिकरण के एक पुरुष और एक महिला कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध रही है। इन पर एफआईआर कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।

सहकारिता विभाग कर रहा सभी बिंदुओं पर जांच
जिले में कार्यरत गृह निर्माण सहकारी समितियों की जांच सहकारिता विभाग के निरीक्षकों को सौंपी है। विभाग के अधिकारियों ने चार गृह निर्माण समितियों के रिकॉर्ड की जांच करके प्रतिवेदन दिया है। इसमें कुछ कमियां होने के बाद संयुक्त पंजीयक सहकारिता द्वारा दोबारा से रिकॉर्ड का परीक्षण कराया जा रहा है।


-गृह निर्माण समितियोंं की जांच को लेकर बैठक हुई थी। इसमें जीडीए और नगर निगम को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। जीडीए की जो 26 फाइलें गायब हैं, उनके लिए जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं। गृह निर्माण समितियों पर एफआईआर और जिला बदर जैसी कठोर कार्रवाई भी अमल में लाई जा रही हैं।

अनुराग चौधरी, कलेक्टर

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